बीसीसीआई ने साहा को धमकाने के लिये पत्रकार बोरिया मजूमदार पर दो साल का लगाया प्रतिबंध

मुंबई. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सीनियर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को धमकाने के लिये बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबंध लगाया तथा पंजीकृत खिलाड़ियों से साक्षात्कार करने और देश के स्टेडियमों में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है. बीसीसीआई की शीर्ष परिषद द्वारा स्वीकृत की गयी पाबंदियों के अंतर्गत मजूमदार को दो साल तक ‘मीडिया एक्रीडिटेशन’ नहीं दिया जायेगा. बीसीसीआई ने तीन मई को अपनी राज्य इकाइयों को इसकी जानकारी दी. साक्षात्कार के अनुरोध को इनकार के कारण साहा को मिले धमकी भरे संदेशों की जांच के लिये बीसीसीआई ने 25 फरवरी को एक तीन सदस्यीय समिति गठित की थी.

साहा ने शुरू में इस पत्रकार का नाम बताने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में उन्होंने तीन सदस्यीय समिति के समक्ष इस पत्रकार का खुलासा किया और मजूमदार का नाम बताया. इस तीन सदस्यीय समिति में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और बीसीसीआई परिषद के सदस्य प्रभतेज सिंह भाटिया शामिल थे.

बीसीसीआई के अंतरिम सीईओ और आईपीएल के मुख्य परिचालन अधिकारी हेमांग अमीन ने राज्य इकाइयों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ऋद्धिमान साहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक पत्रकार द्वारा भेजे गये संदेशों के स्क्रीनशॉट साझा किये जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें इस पत्रकार ने धमकाया था. साहा ने सुनवाई के दौरान पत्रकार का नाम बोरिया मजूमदार बताया. ’’ अमीन ने कहा, ‘‘बीसीसीआई समिति ने साहा और मजूमदार दोनों के बयान पर विचार किया और निष्कर्ष पर पहुंचे कि मजूमदार का लहजा धमकाने वाला था. ’’ अमीन के अनुसार समिति ने शीर्ष परिषद को मजूमदार पर तीन पाबंदियों की सिफारिश की जिसने इन्हें लगाने पर सहमति जतायी.

इन तीन पाबंदियों में भारत में किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) में प्रेस के सदस्य के तौर पर ‘एक्रिडिटेशन’ पर दो साल का प्रतिबंध, भारत में मान्यता प्राप्त किसी भी खिलाड़ी से कोई भी साक्षात्कार करने पर दो साल का प्रतिबंध और बीसीसीआई या सदस्यीय संघों की क्रिकेट सुविधाओं में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध शामिल है. बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी ने सभी राज्य इकाइयों से प्रतिबंधों का पालन करने के लिये कहा है.

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