भगवंत मान, राजनीतिक दलों, एसजीपीसी ने पाकिस्तान में दो सिखों की हत्या की निंदा की

चंडीगढ़/पेशावर. पाकिस्तान में रविवार को दो सिख व्यापारियों की हत्या की भारत में कड़ी निंदा की गई. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विदेश मंत्रालय से पड़ोसी देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने का आग्रह किया. इसी तरह की मांग करते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमंिरदर ंिसह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान की सरकार पर सिख समुदाय के लोगों के प्रति दिखावा करने का आरोप लगाया. वहीं शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर ंिसह बादल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कहा कि शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने रविवार को दो सिख व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी. मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद सलजीत ंिसह (42) और रंजीत ंिसह (38) की मौके पर ही मौत हो गई.

मुख्यमंत्री मान ने ट्वीट किया, ‘‘मैं पेशावर, पाकिस्तान में दो सिख युवकों की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. मैं हमारे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी से भी अनुरोध करता हूं कि पाकिस्तान से बात करें और पाकिस्तान में रहने वाले ंिहदू और सिख अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.’’ अमंिरदर ने हत्या की निंदा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैंने हमेशा कहा है कि पाकिस्तान की सरकार सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर समुदाय के लोगों के प्रति केवल दिखावा करती है. मैं भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले को गंभीरता से लेने का अनुरोध करता हूं.’’

बादल ने ट्वीट किया, ‘‘पेशावर (पाकिस्तान) में दो सिख दुकानदारों की नृशंस हत्या के बारे में जानकर हैरान और दुखी हूं. घटना की निंदा करते हुए, मैं विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी से शोक संतप्त परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने और सिखों की सुरक्षा के मुद्दे को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ उठाने का आग्रह करता हूं.’’

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरंिजदर ंिसह धाम ने कहा कि पाकिस्तान को वहां रहने वाले सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. धामी ने कहा, ‘‘हम दो सिखों की कायराना हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं. पाकिस्तान सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरी लगन से निभानी चाहिए क्योंकि अल्पसंख्यकों की इस तरह की हत्याएं पूरी दुनिया, खासकर सिखों के लिए बड़ी ंिचता का विषय है.’’ उन्होंने हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.

पाकिस्तान में दो सिख व्यापारियों की दिनदहाड़े हत्या

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने रविवार को दो सिख व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी. यह अफगानिस्तान की सीमा से लगे अशांत प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाये जाने की नवीनतम आतंकवादी हमला है. पुलिस के अनुसार, बाइक सवार दो हमलावरों द्वारा सुबह किये गये हमले में सलजीत सिंह (42) और रंजीत सिंह (38) की मौके पर ही मौत हो गई. हमले के बाद हमलावर फरार हो गए.

सिख समुदाय के ये दोनों अल्पसंख्यक मसालों का कारोबार करते थे और पेशावर से लगभग 17 किलोमीटर दूर सरबंद के बाटा ताल बाजार में उनकी दुकानें थीं. अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली. सद्दर के पुलिस अधीक्षक अकीक हुसैन ने ‘जियो न्यूज’ को बताया कि आतंकवाद-रोधी इकाई ने दो सिखों की हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘घटना एक आतंकवादी हमला प्रतीत होती है. सीसीटीवी फुटेज हासिल किया जाएगा और संदिग्धों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की निंदा की और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और सजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री से नागरिकों, विशेष रूप से गैर-मुसलमानों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कदम सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया. शरीफ ने मृतकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जतायी. उन्होंने कहा कि इस ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ के पीछे पाकिस्तान के साथ दुश्मनी है. शरीफ ने देश के दुश्मनों को खत्म करने का संकल्प लिया.

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने हमले के लिए खैबर पख्तूनख्वा सरकार की आलोचना की और प्रांतीय मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट मांगी. सनाउल्लाह ने प्रांत में सिखों के खिलाफ ंिहसा की पिछली घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘खैबर पख्तूनख्वा सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रही है.’’ उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली प्रांतीय सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले की निंदा की और पुलिस को दोषियों की गिरफ्तारी के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि यह घटना सूबे में अंतर-धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाया जाएगा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने इसमें शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘किसी को भी देश में अंतर-धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने नहीं दिया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी देश की वास्तविक प्रतिनिधि पार्टी है और यह सिख समुदाय का परित्याग नहीं करेगी.

इस बीच, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने हत्या की निंदा की. उसने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब खैबर पख्तूनख्वा में सिख समुदाय को निशाना बनाया गया है और हम मांग करते हैं कि पुलिस अपराधियों की तुरंत पहचान करे और उन्हें गिरफ्तार करे.’’ इसने सरकार से ‘‘यह स्पष्ट करने का भी आ’’ान किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ंिहसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’’ आॅल पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (एपीयूसी) ने भी हत्या की निंदा की है. एपीयूसी प्रमुख ताहिर अशरफी ने कहा कि पेशावर प्रशासन गैर-मुस्लिम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोनों सिखों के हत्यारों को गिरफ्तार करे.

पेशावर में लगभग 15,000 सिख रहते हैं, इनमें से ज्यादातर प्रांतीय राजधानी पेशावर के जोगन शाह क्षेत्र में रहते हैं. पेशावर में सिख समुदाय के ज्यादातर सदस्य व्यापार से जुड़े हैं, जबकि कुछ के पास फार्मेसी ?भी हैं. पिछले साल सितंबर में एक सिख ‘हकीम’ (यूनानी चिकित्सक) की पेशावर में उनके क्लीनिक के अंदर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वर्ष 2018 में सिख समुदाय के एक प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह की पेशावर में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. इसी तरह एक समाचार चैनल के पत्रकार रवीन्द्र सिंह की 2020 में हत्या कर दी गई थी. वर्ष 2016 में नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह को भी पेशावर में मौत के घाट उतार दिया गया था.

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