जोधपुर में दो समुदायों के बीच झड़प से सांप्रदायिक तनाव, 10 थाना क्षेत्रों में लगाया कर्फ्यू

जोधपुर/जयपुर. राजस्थान के जोधपुर शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद मंगलवार को 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. गहलोत ने राजधानी जयपुर में उच्च स्तरीय बैठक के बाद हालात पर निगरानी के लिए गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव सहित आला अधिकारियों को तत्काल जोधपुर जाने के निर्देश दिए.

जोधपुर के कार्यपालक मजिस्ट्रेट राजकुमार चौधरी ने हालात पर काबू पाने के लिए मंगलवार दोपहर शहर के दस थाना क्षेत्रों, उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागोरी गेट, खांडा फलसा, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर, सूरसागर व सरदारपुरा में मंगलवार दोपहर एक बजे से बुधवार, चार मई की मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए. आदेश के अनुसार शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने व जन-जीवन व्यवस्थित रखने के लिए कर्फ्यू लगाया जाना आवश्यक है. वहीं शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहें न फैलें.

जयपुर में मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा की. उन्होंने साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने जोधपुर में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी साम्प्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाली घटना से समाज में शांति एवं कानून व्यवस्था को क्षति पहुंचती है.

उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो अपराध में उसकी संलिप्तता पाये जाने पर उसे बख्शा नहीं जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राजस्थान में सभी समाज और धर्मों के लोग सभी त्योहारों को प्रेम और भाईचारे से मनाते आए हैं और विशेषकर जोधपुर अपनी अपनायत के लिए जाना जाता है. यह परंपरा बनी रहनी चाहिए.’’ उन्होंने आमजनो से शांति बनाए रखने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र ंिसह यादव, जोधपुर के प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवांिसह घुमरिया को हेलीकॉप्टर से तत्काल जोधपुर जाने के निर्देश दिए.
इस बीच, गहलोत ने जोधपुर और हाल में हुई इस प्रकार की घटनाओं पर ंिचता जाहिर करते हुए पुलिस और प्रशासन को शांति व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा, ‘‘थाना स्तर पर असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए . इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेश फैलाने वाले तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.’’ मिली जानकारी के अनुसार इस विवाद की शुरुआत सोमवार आधी रात के बाद हुई जब अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्य ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर धार्मिक झंडे लगा रहे थे.

इसमें कहा गया है कि लोगों ने चौराहे में स्थापित स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर झंडा लगाया जिसका ंिहदू समुदाय के लोगों ने विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगा दिया और इसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और झड़प हो गई.

पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची और पथराव में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसमें कहा गया है कि पुलिस ने जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी है .

पुलिस ने बताया कि हालात काबू में कर लिए गए लेकिन मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज अदा की गई और नमाज के बाद कुछ लोगों ने वहां खड़े वाहनों पर पथराव किया जिसमें कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और इसके बाद 10 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया. उल्लेखनीय है कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर भी है. ताजा घटनाक्रम के मद्देनजर उनके जन्मदिन पर मुख्यमंत्री निवास पर प्रस्तावित कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए. वहीं इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाने की ंिनदा की.

उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा,’जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा जी की प्रतिमा पर भगवा ध्वज को उतारकर इस्लामिक झंडा लगाया गया और जिस तरीके से वहां ंिहसा की गई, उससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार का तुष्टीकरण रवैया उनके डूबने का सबसे बड़ा कारण बनेगा.’ पूनियां ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा,’आप सभी से निवेदन है कि शांति बनाए रखें. राज्य सरकार से मांग है कि अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो, राज्य में कानून का राज स्थापित हो.’ उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौती बनी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं के लिए राज्य सरकार का संरक्षण जिम्मेदार है. उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल को करौली में नवसवंत्सर पर ंिहदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही बाइक रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया था, उसके बाद आगजनी की घटना हुई.

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