जब मेहनत का फल मिलता है तो आत्मविश्वास बढ़ता है : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान आज सरगुजा के सरमना पहुंचे. यहां सरई पेड़ की छांव के नीचे मुख्यमंत्री ने बैठकर लोगों से शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत जाना. वहीं शासकीय योजनाओं का जीवन पर प्रभाव को भी जानने का प्रयास मुख्यमंत्री बघेल ने किया.

इस दौरान सरमना गौठान से जुड़कर काम कर रही स्व-सहायता समूह की महिलाओं से मुख्यमंत्री बघेल रूबरू हुए. यहां महिलाओं ने बताया कि वे गौठान में ही अनेक तरह की आर्थिक गतिविधियों का संचालन कर रही हैं और वे आर्थिक रूप से संबल बन रही हैं. आत्मविश्वास से लबरेज महिलाओं की बातें सुनकर मुख्यमंत्री बघेल सहसा बोल उठे कि मेहनत का जब फल मिलता है तो आत्मविश्वास बढ़ता ही है.

गौरतलब है कि बीते 4 मई से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश से सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा शुरू किया है. इस भेंट-मुलाकात अभियान में मुख्यमंत्री आमजनता से सीधे संपर्क साध रहे हैं और संवाद कर रहे हैं. मुख्यमंत्री यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि शासकीय योजनाएं जमीनी स्तर पर क्रियान्वयित हो भी रही हैं या नहीं. शासकीय योजनाओं का लाभ आमजन को कितना मिल पा रहा है और जनता अब भी किन समस्याओं से जूझ रही है.

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री का आज सरमना पहुंचना हुआ. मुख्यमंत्री ने गौठान की स्थिति पर जानकारी ली. वहीं महिलाओं से गौठान में संचालित गतिविधियों को जाना. गौठान से जुड़कर काम कर रहीं स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान में जो गोबर खरीदी जा रही है, उससे वे वर्मी कम्पोस्ट के रूप में जैविक खाद का निर्माण कर रही हैं. खाद बेचकर अब तक समूह को 68 हजार का लाभ हुआ है. वहीं गौठान में ही मुर्गीपालन, बटेर पालन किया जा रहा है. इससे उन्हें एक लाख 65 हजार रुपये का आर्थिक लाभ हो चुका है. महिलाओं ने बताया कि उन्हें मुर्गीपालन में अब तक सबसे अधिक लाभ हुआ है. प्रतिदिन औसतन 150 नग अंडा की बिक्री 6 रुपये प्रतिनग अंडा के लिहाज से वे करती हैं.

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