कॉरपोरेट कर में कटौती से 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ : कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती के कारण सरकार को वित्त वर्ष 2020 और 2021 में कुल 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि उसे मध्य वर्ग से ऐसी क्या ‘घृणा’ है कि वह उससे अधिकतम 30 प्रतिशत की दर से कर लेती है, जबकि कॉरपोरेट पर 22 फीसदी की दर से कर लगाती है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद की प्राक्कलन समिति ने आंकड़ा दिया है कि वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 के इन दो वर्षों में कॉरपोरेट कर में कटौती के कारण सरकार को 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘20 सितंबर, 2019 को ‘सूटबूट की सरकार’ ने कॉरपोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया तथा नयी विनिर्माण कंपनियों के लिए कर को 18 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर दिया. इसके दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के लिए अमेरिका गए.’’

वल्लभ के अनुसार, ‘‘पिछले तीन वर्षों में सरकार और उसके एजेंट ने खूब ंिढढोरा पीटा कि कॉरपोरेट कर में कटौती के कारण सरकार का राजस्व बढ़ गया. लेकिन अब प्राक्कलन समिति का कहना है कि सरकार को दो वर्षों में 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह कॉरपोरेट कर में कटौती किसके कहने पर किया गया? यह 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान क्यों किया गया? महामारी के समय कॉरपोरेट कर में कटौती जरूरी थी या मनरेगा का बजट बढ़ाना महत्वपूर्ण था?’’

कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘मध्य वर्ग के लिए आयकर की अधिकतम दर 30 प्रतिशत होती है तो फिर ये कटौती सिर्फ कॉरपोरेट के लिए 22 प्रतिशत क्यों है? यह सूटबूट की सरकार मध्य वर्ग और निम्न मध्य वर्ग से घृणा से क्यों करती है? क्या कॉरपोरेट कर में कटौती प्रधानमंत्री के ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के लिए शर्त थी?’’

केंद्र सरकार सहकारी संघवाद में नहीं, ‘विनाशकारी संघवाद’ में विश्वास करती है: कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ‘‘सहकारी संघवाद’’ में नहीं, बल्कि ‘विनाशकारी संघवाद’ में विश्वास करती है. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री संघवाद की भावÞना के बारे में बार-बार बात करते हैं. लेकिन यह सरकार सहकारी संघवाद में नहीं, विनाशकारी संघवाद में विश्वास करती है.’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कृषि कानूनों को लेकर राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल दिया, सीमावर्ती इलाकों में अर्धसैनिक बलों के अधिकार क्षेत्र को लेकर राज्यों के अधिकारों में दखल दिया. वह (केंद्र सरकार) हर जगह राज्यों के अधिकारों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करती है.’’ वल्लभ ने कहा, ‘‘समस्या यह है कि जो-जो अच्छा होता है उसको लेकर प्रधानमंत्री कहते हैं कि मेरी जिम्मेदारी है, लेकिन बुरा होता है तो कहते हैं कि मेरी जिम्मेदारी नहीं है…प्रधानमंत्री जी को अपनी जिम्मेदारियों को लेकर एक सूची बना लेनी चाहिए.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था कि अब देश में ऐसे ‘सहकारी प्रतिस्पर्धी संघवाद’ की जरूरत है जहां राज्य एक दूसरे के साथ विकास को लेकर प्रतिस्पर्धा करें. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से यह भी कहा था कि राज्य अगर कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो सपनों को साकार किया जा सकेगा.

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