दिल्ली भाजपा ने गांवों के नाम बदलकर कलाकारों, शहीदों के नाम पर करने की मांग की

नयी दिल्ली. दिल्ली भाजपा ने बृहस्पतिवार को अरविन्द केजरीवाल सरकार से मांग की राष्ट्रीय राजधानी के 40 गांवों के नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों, कलाकारों और फरवरी 2020 में शहर में सांप्रदायिक दंगों में जान गंवाने वाले अंकित शर्मा और रतन लाल जैसे ‘‘शहीदों’’ के नाम पर किए जाने चाहिए. विपक्षी दल ने इन गांवों के ‘‘मुगल दौर’’ के नाम बदले को कहा हैफ भाजपा द्वारा प्रस्तावित नामों की सूची में बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के अधिकारी मोहनचंद्र शर्मा और करगिल युद्ध के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा का भी नाम सुझाया गया है.

गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) कर्मी अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मृत्यु हो गई थी. इन गांवों का नाम बदलने के लिए मर्हिष वाल्मीकि, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, क्रिकेटर यशपाल शर्मा और मिल्खा ंिसह के नाम भी प्रस्तावित किए गए है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोग ऐसी हस्तियों के बारे में जानना चाहते हैं. हम गांवों का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव भेज रहे हैं. लोग चाहते हैं कि मुगल कालीन नाम बदले जाएं.’’ उन्होंने कहा कि 40 गांव ऐसे हैं जिनके नाम ‘‘मुगलों से जुड़े’’ और ‘‘गुलाम मानसिकता का प्रतीक’’ हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘40 गांवों में जिया सराय, जमरूदपुर, मसूदपुर, जाफरपुर कलां, ताजपुर, नजफगढ़, नेब सराय जैसे नाम शामिल हैं. दिल्ली अब सराय नहीं है. यह देश की राष्ट्रीय राजधानी है.’’ गुप्ता ने कहा, ‘‘युवाओं सहित ग्रामीण नहीं चाहते कि उनके गांवों की पहचान गुलामी के किसी प्रतीक के रूप में की जाए. वे जानना चाहते हैं कि कैप्टन विक्रम बत्रा, बिस्मिल्लाह खान, अशफाकउल्लाह और बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए मोहन चंद्र शर्मा कौन थे.’’ उन्होंने दावा किया कि ऐसे समय में जब पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, ग्रामीण ऐसे नामों से संबद्धता नहीं चाहते हैं और उन्होंने पार्टी के नेताओं से संपर्क किया है.

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम केजरीवाल से मांग करते हैं कि इन 40 गांवों के नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानियों, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सशस्त्र बलों के बहादुरों के नाम पर रखे जाएं, जिन्होंने खेल, कला, संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में देश का नाम रौशन किया.’’ गुप्ता ने बुधवार को दक्षिण दिल्ली के मुहम्मदपुर का दौरा किया था, जहां भाजपा ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ गांव का नाम बदलकर माधवपुरम कर दिया था, हालांकि दोनों में से किसी को भी इस तरह के बदलाव करने का अधिकार नहीं है.

सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने पहले कहा था कि दिल्ली सरकार का ‘राज्य नामकरण प्राधिकरण’ नाम परिवर्तन के प्रस्तावों की उचित समीक्षा करता है और उचित प्रक्रिया का पालन करता है. गुप्ता ने पहले कहा था, ‘‘ग्रामीणों ने मुहम्मदपुर का नाम बदलकर माधवपुरम करने का निर्णय किया था जो एक मुगल कालीन नाम है. इस आशय का एक प्रस्ताव दक्षिण एमसीडी में पारित किया गया था. इसे मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार को भेजा गया था, लेकिन पिछले छह महीनों में कुछ भी नहीं हुआ.’’

गुप्ता ने पहले कहा था, ‘‘इसलिए, भाजपा ने स्थानीय ग्रामीणों की सहमति से मुहम्मदपुर का नाम बदलकर माधवपुरम करने का फैसला किया, जो गुलामी के प्रतीक के साथ नहीं जुड़ना चाहते.’’ दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा नहीं चाहती कि सरकार नियत प्रक्रिया के अनुसार काम करे और गुंडागर्दी शुरू करने के मौके की तलाश में थी.

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