सरकार को आम रेल यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए : विपक्ष

नयी दिल्ली. राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने रेल यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को आम यात्रियों की सुविधा बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि सरकार को बुलेट ट्रेन के साथ देश में ‘‘फ्रेट कॉरिडोर’’ बनाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

संसद के उच्च सदन में रेल मंत्रालय के कामकाज पर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने नीतीश कुमार जैसे पूर्व रेल मंत्रियों द्वारा तत्काल टिकट योजना, लालू प्रसाद द्वारा गरीब रथ ट्रेन की पहल और ममता बनर्जी द्वारा ‘‘विजन 2020’’ दस्तावेज एवं दुरंतो एक्सप्रेस की पहल करने का उल्लेख करते हुए सरकार से जानना चाहा कि उसने 2014 से 2021 के बीच रेलवे को ऐसा कौन सा बड़ा विचार दिया, जो अगले 15 या 20 वर्ष तक प्रासंगिक बना रहे? उन्होंने कहा कि सरकार ने वंदे भारत एक्सप्रेस की घोषणा की है, ंिकतु इसका टिकट करीब 1500 रूपये से तीन हजार रूपये के बीच होगा. उन्होंने प्रश्न किया कि क्या आम आदमी इसे वहन कर सकेगा?

उन्होंने कहा कि रेलवे के बारे में सत्तारूढ़ दल का दृष्टिकोण तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य कई दलों के नजरिये से बहुत अलग है.
तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘हमारे लिए रेलवे एक ऐसा आधारभूत ढांचा है, जो प्रत्येक देशवासी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का मूलभूत अधिकार है….आप इसे अलग तरह से देख सकते हैं ंिकतु हम नहीं.’’ उन्होंने कहा कि 2017 में आपने रेल बजट का आम बजट में विलय कर दिया था जिसका उनकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) ने तब भी विरोध किया था और वह अभी भी इसका विरोध कर रही है.

उन्होंने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन की योजना ‘‘फिजूलखर्ची’’ वाली योजना है और इसके बजाय फ्रेट कॉरिडोर पर खर्च किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बुलेट ट्रेन की विरोधी नहीं है. डेरेक ने कहा कि बुलेट ट्रेन बनाने पर प्रति किलोमीटर 200 करोड़ रूपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि दाल, चावल, सब्जी आदि जरूरी वस्तुओं का परिवहन करने के लिए फ्रेट कॉरिडोर बनाने पर 25 करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर की लागत आएगी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 2022 के लिए कई घोषणाएं की थीं जिनमें किसानों की आय दोगुनी करने और बुलेट ट्रेन, अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डालर का बनाने की घोषणा शामिल थी. उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि उसे किसने यह सुझाव दिया कि कोविड महामारी के कारण लगाये गये लॉकडाउन से चार घंटे पहले ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि यदि उस समय पांच दिन भी ट्रेनों को चला दिया गया होता तो विस्थापितों का संकट उत्पन्न नहीं होता.

डेरेक ने आरोप लगाया कि केंद्र पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों के लिए रेल परियोजनाओं के लिए कम धन आवंटित करता है और जब इन परियोजनाओं की प्रगति के बारे में पूछा जाता है तो उसके पास एक ही बहाना रहता है कि भूमि अधिग्रहण में अड़चनें आ रही हैं. चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के नीरज शेखर ने कहा कि ट्रेनों, पटरियों और रेलवे स्टेशनों की स्वच्छता में पिछले दिनों इस तरह का सुधार आया है जिसे आम आदमी भी महसूस कर रहा है.

उन्होंने ट्रेनों में दो के स्थान पर चार सामान्य श्रेणी की बोगी (डिब्बे) लगाने के लिए सरकार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि बलिया सहित तीन जिले 1942 में तीन दिनों के लिए आजाद हो गये थे. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए बलिया में रेलवे को विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और बलिया के स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया जाना चाहिए. उन्होंने पूर्व सांसदों को ऐसी सुविधा देने को कहा जिससे उन्हें ट्रेन आरक्षण में कोई कठिनाई नहीं आये.

शेखर ने कहा कि ‘‘1975 के महानायक’’ जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली के समीप बकुलाह स्टेशन का नाम दिवंगत नेता के नाम पर किया जाए. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व में इस पूरे सिताब दियारा क्षेत्र और इस स्टेशन का विकास करने की घोषणा की थी. भाजपा के अजय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड से जुड़ी विभिन्न रेल परियोजनाओं का मुद्दा उठाया और इन क्षेत्रों की लंबित और प्रगतिशील परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किए जाने का सुझाव दिया.

उन्होंने उम्मीद जतायी कि वे अपने जीवनकाल में सीधी और ंिसगरौली के बीच रेल लाइन देख पाएंगे और इस पर चलने वाली ट्रेन पर यात्रा कर पाएंगे. सिंह ने रीवा को चारों महानगर से जोड़ने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा हो जाने पर पूरे बघेलखण्ड का विकास हो पाएगा. तेलुगू देशम पार्टी के के. रवींद्रकुमार ने कहा कि रेलवे में बहुत अधिक पद खाली पड़े हैं जिनमें सुरक्षा से जुड़े पद भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे में सिग्नल सहित विभिन्न पदों पर खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार को फौरन कदम उठाने चाहिए.

उन्होंने आंध्र प्रदेश से जुड़ी विभिन्न रेल परियोजनाओं के बारे में सरकार से जानकारी मांगी. उन्होंने विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की मांग की. भाजपा के रामभाई हरजीभाई मोकरिया ने गुजराती में अपनी बात रखते हुए कहा कि आज देश के लगभग हर स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधाएं में बहुत वृद्धि हो गई है.

तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन ने कहा कि भारत का आम आदमी अपनी यात्रा आवश्यकताओं के लिए ट्रेनों पर निर्भर रहता है. उन्होंने कहा कि सरकार को यात्रियों एवं ट्रेनों की सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक बड़ी ट्रेन में गैर एसी श्रेणी के प्रथम श्रेणी के डिब्बे लगाये जाए. उन्होंने कहा कि श्वास और दमा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए ऐसे डिब्बों की बहुत जरूरत है. उन्होंने सरकार का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि कोविड महामारी के बाद बहुत संख्या में लोगों को श्वसन संबंधी समस्या हो रही है.

भाजपा के शक्तिसिंह डूंगरपुर ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पूर्वात्तर क्षेत्र में आमान परिवर्तन का सारा काम पूरा कर लिया गया है, जो बहुत स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना और टैंकों जैसे उसके हथियारों एवं उपकरणों के आवागमन में ट्रेनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. उन्होंने कहा कि आज विश्व में जिस तरह से परिदृश्य बदल रहा है उसमें किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए रेलवे की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो चुकी है.

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