कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार ‘बिल्कुल भी तैयार नहीं’: चिदंबरम

नयी दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को व्यापक बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने ‘सही समाधान’ ढूंढ़ लिया है, जो यात्री ट्रेन को रद्द करने और कोयला से लदी ट्रेन (मालगाड़ी) चलाने का है. चिदंबरम ने यह भी कहा कि कोयला, रेलवे और बिजली मंत्रालय अपनी ”भारी अक्षमता” को छिपाने के लिए बहाने ढूंढ़ रहे हैं. विभिन्न राज्यों में शुक्रवार को भी बिजली संकट का सामना किया. तापमान में वृद्धि होने बिजली की मांग और बढ़ गई. वहीं विपक्षी दलों ने ताप संयंत्रों में कोयले की कमी के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया.

इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘‘प्रचुर मात्रा में कोयला, बड़े रेल नेटवर्क, ताप संयंत्रों में अप्रयुक्त क्षमता, फिर भी बिजली की भारी किल्लत है. मोदी सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता. यह कांग्रेस के 60 साल के शासन के कारण है.’ उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, ”कोयला, रेलवे या बिजली मंत्रालयों में कोई अक्षमतावान नहीं है. दोष उक्त विभागों के पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों का है. सरकार ने ढुंढा सही समाधान: यात्री ट्रेनों को रद्द करें और कोयले के रेक चलाएँ. मोदी है, मुमकिन है.”

बाद में चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोयला, रेलवे और ऊर्जा मंत्रालय अपनी ”भारी अक्षमता” को छिपाने के लिए बहाने गढ़ रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर उन्हें ऐसा लग रहा था कि हमारी अर्थव्यवस्था ‘वी’ आकार में रिकवरी कर रही है तो उन्हें कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही इसका आयात भी बढ़ा देना चाहिए था.’’ उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार ‘वी’ आकार में न रहने और सिर्फ टुकड़ों में स्थिति बेहतर होने के बावजूद सरकार कोयला कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए ”बिल्कुल भी तैयार” नहीं है.

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