भाजपा या आप में शामिल होने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया : हार्दिक पटेल

अहमदाबाद. कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने पार्टी में अपने तीन साल बर्बाद कर दिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने पर कोई निर्णय नहीं लिया है. पटेल (28) ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान, अयोध्या मामले में भाजपा की भूमिका की सराहना की और अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के लिए भी पार्टी की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई दृष्टिकोण नहीं है और पार्टी के नेता गुजराती लोगों से पक्षपात करते हैं. गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पटेल ने बुधवार को यह कहते हुए कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया कि पार्टी के शीर्ष नेताओं का ध्यान अपने मोबाइल फोन में लगा रहता है और गुजरात कांग्रेस के नेता उनके लिए चिकन सैंडविच का प्रबंध करने में लगे रहते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी या आप में शामिल हो सकते हैं, पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘मैंने अभी तक किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है चाहे वह भाजपा हो या आप. मैं जो भी फैसला लूंगा, जनता के हितों को देखते हुए लूंगा.’’ पटेल के अनुसार, कांग्रेस से उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि जुलाई 2020 में पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद उन्हें कोई सार्थक भूमिका नहीं दी गई.

उन्होंने कहा, ‘‘यह तथ्य है कि कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन (जिसका नेतृत्व पटेल ने किया था) के कारण बहुत फायदा हुआ था. लेकिन कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. मुझे पार्टी की अहम बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता था. पार्टी ने तीन साल में मेरी एक प्रेस वार्ता तक आयोजित नहीं की.’’ कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कभी ंिहदुओं के मुद्दों, जैसे कि सीएए या वाराणसी की मस्जिद में मिले (कथित) शिवंिलग आदि पर कुछ नहीं बोलती.

पटेल ने कहा, ‘‘अयोध्या मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए. मैंने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था और मेरे परिवार ने राम मंदिर निर्माण के लिए 21 हजार रुपये दान भी दिए थे. भाजपा ने अनुच्छेद 370 को हटाकर भी अच्छा काम किया. जो अच्छा है उसे अच्छा कहने में मुझे कोई संकोच नहीं.’’ पटेल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस में जातीय राजनीति बहुत ज्यादा होती है और इसी आधार पर चुनाव में टिकट वितरण तथा पार्टी के पदाधिकारियों की नियुक्ति होती है.

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