श्रीलंका में दवा की किल्लत से अस्पताल ने आपरेशन टाले, जयशंकर ने की मदद की पेशकश

कोलंबो. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायुक्त से उस अस्पताल की मदद करने को कहा है जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण आपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं. यह द्वीपीय देश अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. कैंडी जिले के पेराडेनिया अस्पताल के निदेशक ने सोमवार को दवाओं की कमी के कारण नियमित तौर पर किये जाने वाले सभी तरह के आॅपरेशन को टालने का ऐलान कर दिया. इसके मद्देनजर जयशंकर ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले को इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि भारत संकट से जूझ रहे  इस देश की किस तरह मदद कर सकता है. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘इस खबर से परेशान हूं. मैंने उच्चायुक्त से संपर्क करने और इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि भारत कैसे मदद कर सकता है.’’

जयशंकर ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति के साथ तमिल नेताओं की बैठक का स्वागत किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के तमिल नेताओं की राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ पहली बातचीत को ‘सकारात्मक उपलब्धि’ बताते हुए कहा कि भारत एकीकृत श्रीलंका के ढांचे में तमिलों की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की उनकी आकांक्षाओं को साकार करने का लगातार समर्थक रहा है. श्रीलंकाई के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता और सात राष्ट्रों वाले बीआईएमएसटीईसी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार रात को यहां पहुंचे जयशंकर ने सोमवार को मुख्य तमिल पार्टी-तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) और तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस (टीपीए) के नेताओं से मुलाकात की. टीएनए के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई आर सम्पंथन ने की.

बिम्स्टेक सदस्य देशों को आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद का मिलकर मुकाबला करना चाहिए: जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि बिम्स्टेक के सदस्य देशों को आतंकवाद और ंिहसक उग्रवाद का मुकाबला सामूहिक रूप से करना चाहिए. जयशंकर ने विशेष रूप से संपर्क, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र में सहयोग को तेज करने एवं इसे विस्तार देने की भारत की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया. कोलंबो में 18वीं बिम्स्टेक मंत्रिस्तरीय बैठक में जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति के बारे में भी बात की और कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने तथा यहां तक कि स्थिरता को भी अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय तंत्र एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, शायद हाल की स्मृति में यह सबसे कठिन में से एक है. कोविड-19 महामारी की चुनौतियां अब तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई हैं कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय बेचैनी को बढ़ा दिया है.’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी ने रेखांकित किया है कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने और यहां तक कि स्थिरता को भी अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है. हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि वैश्विक अर्थव्यवस्था से और कुछ मामलों में अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं के भीतर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.’’

बिम्सटेक सदस्य देशों के साथ भारत के सहयोग का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि बंदरगाह केंद्रों, नौका सेवाओं, तटीय जहाजरानी, ग्रिड कनेक्टिविटी और मोटर वाहनों की आवाजाही पर सहयोग महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने राष्ट्रीय विकास प्रयासों में जो कुछ भी हासिल कर सकते हैं, वह निश्चित रूप से एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर वातावरण पर आधारित है.’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद और ंिहसक चरमपंथ के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध और मादक पदार्थ-तस्करी या साइबर हमले जैसी नयी चुनौतियों की अनदेखी नहीं कर सकते .’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ये सभी आर्थिक विकास के उनके प्रयासों को प्रभावित करते हैं. जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें कानूनी ढांचे के शेष तत्वों को स्थापित करने की आवश्यकता है जो हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अधिक निकटता एवं अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करने में सक्षम बनाएंगी.’’

भारत और श्रीलंका ने उत्तरी जाफना में हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र लगाने के समझौते पर किए हस्ताक्षर
भारत और श्रीलंका ने जाफना में तीन बिजली संयंत्र परियोजनाएं शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अहम बात यह है कि इससे पहले मंत्रिमंडल ने पिछले वर्ष इसके लिए चीन की कंपनी के साथ करार किया था. चीन की कंपनी सिनोसार-टेकविन के साथ जनवरी 2021 में जाफना तट पर नैनातीवु,डेल्फ अथवा नेदुनतीवु और अनालाईतिवु में हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने का अनुबंध किया गया था,लेकिन भारत द्वारा आपत्ति उठाए जाने पर इस पर पुन: विचार किया गया. ये तीनों स्थान तमिलनाडु के निकट हैं.

भारत श्रीलंका ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि भारत और श्रीलंका ने प्रौद्योगिकी, मत्स्य पालन और हाइब्रिड बिजली परियोजनाओं सहित विभिन्न क्षत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और श्रीलंका के विदेश मंत्री जी. एल. पेइरिस की उपस्थिति में सोमवार को इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और इनके अनुसार, श्रीलंका में यूनीक डिजिटल आइडेंटिटी योजना लागू करने में भारत उसकी मदद करेगा. इसके अलावा समुद्री राहत-बचाव समन्वय केन्द्र बनाने को लेकर भी सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किए गए.

उच्चायोग ने बताया, ‘‘जाफना के तीन द्वीपों में हाइब्रिड बिजली परियोजना लागू करने और श्रीलंका में मत्स्य बंदरगाह विकसित करने को लेकर भी सहमतिपत्रों पर हस्ताक्षर हुए.’’ बयान के अनुसार, जयशंकर ने मत्स्य पालन और समुद्री संसाधन मंत्री डगलस देवानंद से भी भेंट की और विभाग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर ने सोमवार को सांसद आर. संपनथन के नेतृत्व वाले तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के एक प्रतिनिधिमंडल से भेंट की.

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