यूक्रेन में जान गंवाने वाले नवीन को सैकड़ों ने दी श्रद्धांजलि, शव मेडिकल कॉलेज को दान

हावेरी/नयी दिल्ली. . यूक्रेन में तीन हफ्ते पहले रूसी हमले के दौरान जान गंवाने वाले कर्नाटक निवासी मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर को सैकड़ों लोगों ने सोमवार को अंतिम श्रद्धांजलि दी. हालांकि, परिजनों की इच्छा से नवीन का पार्थिव शरीर एक मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया गया.

चिकित्सा पाठ्यक्रम में अंतिम वर्ष का 21 वर्षीय छात्र नवीन खारकीव राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में पढ़ रहा था, लेकिन युद्ध के कारण एक मार्च को उसकी मौत हो गई थी. यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत के किसी नागरिक की यह पहली मौत थी.

नवीन का पार्थिव शरीर बेंगलुरु स्थित केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर सोमवार की सुबह लाया गया, जिसे बाद में एक एंबुलेंस के जरिये हावेरी जिले में स्थित उसके गांव चलागेरी ले जाया गया. नवीन के परिजनों के साथ मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, वरिष्ठ नेता और अधिकारी भी शव लेने के लिए हवाई अड्डा पर मौजूद थे. शव के चलागेरी गांव पहुंचने पर इसे लोगों के दर्शन के लिए रखा गया.
इस दौरान मुख्यमंत्री बोम्मई और नवीन के रिश्तेदारों, दोस्तों और अन्य नेताओं समेत सैकड़ों लोगों ने नवीन को अंतिम श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने नवीन के माता-पिता को ढांढस बंधाया.

दुखी माता-पिता और भाई ने वीरशैव ंिलगायत परंपरा के अनुरूप नवीन के अंतिम संस्कार से जुड़े क्रिया-कर्म किये. इसके बाद पार्थिव शरीर को दावणगेरे जिला स्थित शमनुर शिवशंकरप्पा इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर को सौंप दिया गया.
बेटे के अंतिम दर्शन करने की माता-पिता की इच्छा के मद्देनजर नवीन का पार्थिव शरीर स्वदेश लाने में अहम भूमिका निभाने के लिए बोम्मई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टेलीफोन करके आभार प्रकट किया.

मुख्यमंत्री ने देश के हजारों विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य अधिकारियों के प्रति भी आभार जताया. अधिकारियों के मुताबिक, नवीन के शव को पाने के लिए विदेश मंत्रालय ने एक दाह संस्कार करने वाले एजेंट को नियुक्त किया था. इस एजेंट ने जरूरी कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद शव को भारत भेज दिया. शव को पोलैंड की राजधानी वारसा से दुबई के रास्ते भारत लाया गया.

एक फरवरी से 11 मार्च के बीच 22,500 भारतीयों को युक्रेन से लाया गया: सरकार

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वी के ंिसह ने सोमवार को कहा कि एक फरवरी से 11 मार्च के बीच करीब 22,500 भरतीयों को यूक्रेन से वापस लाया गया. ज्ञात हो कि रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई आरंभ किए जाने के बाद यूक्रेन ने 24 फरवरी को नागरिक विमानों के लिए हवाई मार्ग बंद कर दिया था.

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके बाद भारत ने पोलैंड, हंगरी, रोमानिया जैसे यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 26 फरवरी से अपने नागरिकों को निकालना आरंभ कर दिया था. उन्होंने कहा कि आॅपरेशन गंगा के तहत भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कुल 90 विमानों का परिचालन किया गया. इनमें 14 विमान भारतीय वायु सेना के भी शामिल थे. ंिसह ने कहा, ‘‘करीब 22,500 भारतीय नागरिकों को एक फरवरी और 11 मार्च के बीच यूक्रेन से वापस लाया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आॅपरेशन गंगा के तहत हुए सभी विमानों के परिचालन का खर्च सरकार ने वहन किया और छात्रों से कोई शुल्क नहीं वसूला गया.’’

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