रास में विपक्ष ने सरकार पर मुनाफे में चलने वाले उपक्रमों के विनिवेश का लगाया आरोप

नयी दिल्ली. राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने राज्यों का जीएसटी का बकाया भुगतान नहीं करने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और मुनाफे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश किए जाने का विरोध किया. विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सत्ता पक्ष के सदस्यों ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को मजबूती देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये गये हैं.

उच्च सदन में आम बजट से जुड़े विनियोग विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के शक्ति ंिसह गोहिल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सदन में पूर्व में दिए गए एक बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी संबंधी भुगतान के मामले में केवल गैर भाजपा शासित राज्यों का बकाया हो, ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेशों का भी केंद्र पर काफी जीएसटी बकाया है. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि वित्त मंत्री ने तब यह भी कहा था कि जीएसटी भरोसे का मामला है इसलिए राज्यों को केंद्र पर पूरा भरोसा रखना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि केंद्र के पास देने के लिए पैसा नहीं है तो ‘‘हम इस सदन (वर्तमान संसद भवन) में बैठ रहे हैं, हमें कोई दिक्कत नहीं है. ंिकतु हमें अधिकार नहीं है कि हम नयी संसद बनायें और राज्यों का पैसा (उन्हें) ना दें.’’ उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों रूपये खर्च होने का कारण बताते हुए रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों, पत्रकारों एवं दिव्यांगों को दी जाने वाली रियायत को रोक दिया है, वहीं सेंट्रल विस्टा परियोजना पर करोड़ों रूपये खर्च किए जा रहे हैं.

गोहिल ने कहा कि सरकार ने कई क्षेत्रों में उपकर लगाया है. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार किसी क्षेत्र में कर लगाती है तो उसका हिस्सा राज्यों को मिलता है ंिकतु उपकर में राज्य ‘‘ठनठनपाल’’ रह जाते है. उन्होंने दावा किया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के अनुसार केंद्र ने जीएसटी के साथ लगने वाले उपकर से मिलने वाले धन को अलग खाते में न रखकर उसके करोड़ों रूपये अपने पास रखे. उन्होंने कहा कि सरकार ने कैग की इस आॅडिट रिपोर्ट का खंडन भी नहीं किया है.

गोहिल ने कहा कि भाजपा के ही एक सांसद ने यह कहा था कि चीन अरूणाचल प्रदेश से कुछ युवकों को उठाकर ले गया है. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की बात तो मानती ही नहीं, ंिकतु उसे अपने दल के सांसद की बात तो माननी चाहिए कि चीनी सैनिक देश की सीमा के भीतर घुस गये.

उन्होंने कहा, ‘‘हम दुश्मन का मुकाबला करने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे.’’ कांग्रेस सदस्य ने स्वास्थ्य मंत्रालय संबंधित स्थायी संसदीय समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस समिति ने कुछ महीने पहले ही आगाह कर दिया था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को आॅक्सीजन आपूर्ति, जरूरी दवाओं, जीवनरक्षक प्रणाली आदि की समुचित व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया था.

गोहिल ने दावा किया कि सरकार ने संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट पर समुचित ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्रा की ‘आईसीयू’ बेड नहीं मिलने के कारण कोरोना से मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि बाद में पंडित राजन मिश्रा के नाम पर वाराणसी में कोरोना का 100 बिस्तरों वाला अस्पताल खोला गया. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने संसदीय समिति की रिपोर्ट पर अमल किया होता तो पंडित राजन मिश्रा जैसी कितनी विभूतियों की जान बचायी जा सकती थी.

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सरकार कोष की खजांची है. उन्होंने कहा कि इस खजाने में जो धन है, वह लोगों की खून पसीने से कमायी गयी आय से प्राप्त है तथा इस पर किसी को भी वैभव प्रदर्शन एवं मौज करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी में गरीबों के लिए ‘भाव’ था इसलिए वह सिर्फ धोती पहनकर रेलवे की तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाते थे. उन्होंने कहा कि ंिकतु गरीबों के लिए ‘भाव’ होने की बात कहकर कोई विशेष विमान में नहीं जा सकता है.

भाजपा के शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि सरकार ने जहां भी चार या छह लेन वाली सड़क बनवायी वहां जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गयी, उन्हें जमीन के वास्तविक मूल्य से चार से छह गुना अधिक धन दिया गया. शुक्ल ने कहा कि जब भाजपा के दिवंगत नेता अरूण जेटली वित्त मंत्री और वह वित्त राज्य मंत्री थे तो जेटली ने जीएसटी परिषद में यह प्रस्ताव रखा था कि पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों एवं केरल द्वारा विरोध किए जाने के कारण वह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया था.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का जब बजट आ रहा था तो उससे पहले मीडिया में यह कयास लगाया जा रहा था कि एक लाख दस हजार करोड़ रुपये का बजट आये तो राज्य के विकास को गति मिलेगी. उन्होंने कहा ‘‘ंिकतु वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के लिए एक लाख 42 हजार करोड़ रूपये का बजट पेश किया.’’ शुक्ल ने कहा कि भाजपा की सरकार सभी के विकास की बात करती है और उसी के अनुरूप काम करती है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह केवल विरोध के नाम पर विरोध करता है. उन्होंने कहा कि इस बार के आम बजट के बारे में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इससे देश के विकास को मजबूती मिलेगी.

तृणमूल कांग्रेस के डा. शांतनु सेन ने कहा कि बीमा क्षेत्र की कई कंपनियां पिछले साल से घाटे में चल रही हैं. उन्होंने कहा कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत कम आवंटन किया गया है. उन्होंने कहा कि देश का स्वास्थ्य बजट कई पड़ोसी देशों के बजट से काफी कम है.
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी से किस तरह से निबटा गया और गंगा में किस तरह से लाशें बह रही थीं, इसे सभी ने देखा है.
द्रमुक के टी के एस एलनगोवन ने कहा कि सरकार सब कुछ बेचना चाहती है. उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम सरकार को इतना कुछ देती है, ंिकतु वह उसे भी बेचना चाहती है. उन्होंने कहा कि जब योजना आयोग ही नहीं है तो नियोजित व्यय और गैर नियोजित व्यय का क्या अर्थ रह जाता है? उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा उत्पादन इकाइयों का भी निगमीकरण कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसका अगला चरण निजीकरण है.

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