भारत, इटली ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर चिंता जतायी, तत्काल युद्ध समाप्त करने पर दिया जोर

नयी दिल्ली. भारत और इटली ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की और तत्काल युद्ध समाप्त किये जाने का आह्वान किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा इटली के विदेश मंत्री लुइगी दे मेयो के बीच शुक्रवार को हुई बातचीत में यूक्रेन का विषय उठा. जयशंकर तथा इटली के विदेश मंत्री लुइगी दे मेयो के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त प्रेस बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया और खास तौर पर सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता बनाये रखने पर जोर दिया.

इसमें कहा गया है कि यूक्रेन के मुद्दे पर दोनों मंत्रियों ने वहां जारी मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की और तत्काल युद्ध समाप्त किये जाने का आह्वान किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इटली के अपने समकक्ष लुइगी दे मेयो के साथ शुक्रवार को रक्षा, औद्योगिक गठजोड़, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष क्षेत्र सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की तथा आतंकवाद, ंिहसक चरमपंथ, साइबर अपराध से जुड़ी साझी चुनौतियों से निपटने के लिये साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की .
इसमें कहा गया है कि जयशंकर ने शुक्रवार को इटली के अपने समकक्ष लुइगी दे मेयो के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की गई .

दोनों नेताओं ने नवंबर 2020 में डिजिटल माध्यम से पेश ‘कार्य योजना 2020-24’ को लागू करने की प्रगति की भी समीक्षा की .
बयान के अनुसार, भू राजनीतिक घटनाक्रम के संदर्भ में दोनों नेताओं ने यूक्रेन, अफगानिस्तान, हिन्द प्रशांत तथा जी20 सहित बहुस्तरीय मंचों पर सहयोग सहित आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया. जयशंकर एवं मेयो ने बढ़ते द्विपक्षीय कारोबार एवं निवेश सम्पर्को का स्वागत किया और साझा हितों से जुड़े नये क्षेत्रों में इसका विस्तार करने पर सहमति जतायी .

दोनों पक्षों ने ऊर्जा के संबंध में भारत इटली सामरिक गठजोड़ को लागू किये जाने के बारे में चर्चा की जिसकी घोषणा पिछले वर्ष प्रधानमंत्री की इटली यात्रा के दौरान की गई थी. बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्षों ने गैर के परिवहन, हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन और ऊर्जा भंडारण जैसे क्षेत्रों में गठजोड़ तलाशने पर सहमति व्यक्त की . ’’ दोनों पक्षों ने संयुक्त रूप से ऊर्जा बदलाव एवं चक्रीय अर्थव्यवस्था पर भारत इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन 17 नवंबर 2022 को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की.

बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने औद्योगिक गठजोड़ सहित रक्षा क्षेत्र में करीबी सहयोग की क्षमता का संज्ञान लिया. उन्होंने आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ, साइबर अपराध से जुड़ी साझी चुनौतियों से निपटने के लिये साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की .

इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ इटली के विदेश मंत्री लुइगी दे मेयो के साथ गर्मजोशी से भरी एवं सार्थक बातचीत हुई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने साइबर सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर चर्चा की.’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘ हम इस बात पर सहमत हुए कि इटली की कंपनियों के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में रुचि बढ़ने से हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे.’’ गौरतलब है कि इटली के विदेश मंत्री चार से छह मई तक भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ उच्चस्तरीय अधिकारी एवं कारोबारी शिष्टमंडल भी आया है.

इटली के विदेश मंत्री ने अपनी यात्रा की शुरुआत में बृहस्पतिवार को बेंगलुरू में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात की थी. दे मेयो का वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात करने और कारोबारी बैठक की सह अध्यक्षता करने का कार्यक्रम भी है .

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