उच्च आर्थिक वृद्धि, विदेशी मुद्रा भंडार के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में: जालान

नयी दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर और विदेशी मुद्रा भंडार अधिक होने से भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है. जालान ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद इससे भारत का आर्थिक प्रदर्शन प्रभावित नहीं होगा. युद्ध के हालात से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है.

उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘इस समय भारत की व्यापक आर्थिक स्थिति काफी सकारात्मक है, क्योंकि वृद्धि दर ऊंची है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी अधिक है.’’ जालान ने कहा, ‘‘भारत (भारतीय अर्थव्यवस्था) अच्छी स्थिति में है.’’ सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 8.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. आरबीआई ने 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

हालांकि, आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि बेरोजगारी काफी अधिक है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा. जालान ने आगे कहा, ‘‘जहां तक भारत का सवाल है, रूस के साथ उसके संबंध काफी अच्छे हैं, लेकिन निर्यात-आयात बहुत ज्यादा नहीं है. यह दो प्रतिशत से कम है.’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन की स्थित चिंता का विषय है, लेकिन यह भारत के आर्थिक प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करेगा.

जालान ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति एक समस्या है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुनियादी ढांचे के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के उपयोग का प्रस्ताव किया है, इसपर जालान ने कहा कि जहां तक बुनियादी ढांचे के विकास का सवाल है, इस पर खर्च रुपये में होता है.

उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग विदेशी मुद्रा में कुछ करने के लिए किया जाना चाहिए… अगर पैसे की कमी है, तो विदेशी मुद्रा भंडार को भी नकदी में बदला जा सकता है.’’ पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों के बारे में जालान ने कहा कि सरकार पहले ही पेट्रोल और डीजल पर करों में कुछ कटौती कर चुकी है. आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा, ‘‘अगर वे (सरकार) कुछ और कटौती कर सकते हैं, तो ऐसा करना चाहिए.’’

Related Articles

Back to top button