वैश्विक स्तर पर 1,000 शांति दूत नियुक्त करेगी भारतीय आध्यात्मिक संस्था

वाशिंगटन. एक भारतीय गैर-लाभकारी आध्यात्मिक संस्था ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 1,000 शांति दूतों की नियुक्ति करने की घोषणा की है, जो वैश्विक स्तर पर संघर्ष को रोकने और शांति एवं सद्भाव कायम करने की दिशा में काम करेंगे. नयी दिल्ली स्थित अंिहसा विश्व भारती फाउंडेशन द्वारा आयोजित विश्व शांति सम्मेलन को संबोधित करते हुए जैन नेता आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि भारत में हाल ही में स्थापित विश्व शांति केंद्र इन 1,000 शांति दूतों को प्रशिक्षित करेगा और उन्हें दुनिया के विभिन्न देशों में तैनात किया जाएगा.

मुनि ने कहा, ‘‘यूक्रेन और रूस के बीच विवाद को बातचीत के जरिये भी सुलझाया जा सकता है. विश्व शांति केंद्र ऐसे संघर्षों को खत्म करने के लिए 1,000 शांति दूत तैयार करेगा.’’ अमेरिका में बंदूक ंिहसा की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए मुनि ने कहा कि ंिहसा और आतंक को जड़ से खत्म करने के लिए शांति पाठ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना बेहद जरूरी है.

‘शांति और संघर्ष’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुनि ने कहा कि युद्ध और आतंकवाद किसी भी समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि ंिहसा प्रतिंिहसा को जन्म देती है. कार्यक्रम में भारत के आध्यात्मिक गुरु और आर्ट आॅफ लिंिवग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि भारत का पहला विश्व शांति केंद्र वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने की दिशा में योगदान देगा.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हर कोई शांति के लिए खड़ा होना चाहता है और अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहता है तो हम विश्व शांति के सपने को वास्तविकता में बदल सकते हैं. व्यक्तिगत शांति के बिना वैश्विक शांति संभव नहीं है.’’ लॉस एंजिलिस में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अंिहसा विश्व भारती फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया जा रहा विश्व शांति केंद्र विश्व शांति के लिए सर्मिपत होगा और समय-समय पर दुनिया का मार्गदर्शन भी करेगा.

फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने सम्मेलन का संचालन किया, जिसमें लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गार्सेटी भी शामिल हुए.
ओबेरॉय ने कहा कि यह केंद्र अंिहसा का पाठ पढ़ाने और उस पर शोध की दिशा में काम कर विश्व में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा.

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