भारत के नए संचार उपग्रह जीसैट-24 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण, टाटा प्ले करेगा इस्तेमाल

बेंगलुरू. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए बनाए गए संचार उपग्रह जीसैट-24 का फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू से बृहस्पतिवार को सफल प्रक्षेपण किया गया.
‘डायरेक्ट-टू-होम’ (डीटीएच) सेवा प्रदाता कंपनी टाटा प्ले को इस संचार उपग्रह की पूरी क्षमता का उपयोग करने की स्वीकृति दी गयी है. एनएसआईएल ने ‘टाटा प्ले’ को यह क्षमता लीज पर दी है. फ्रांसीसी कंपनी एरियनस्पेस द्वारा संचालित एरियन-5 रॉकेट के जरिए जीसैट-24 को उसकी निर्धारित भूस्थैतिक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है.

जीसैट-24 उपग्रह 24-केयू बैंड वाला एक संचार उपग्रह है, जिसका वजन 4180 किलोग्राम है. यह ‘डीटीएच’ सेवा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा और अखिल भारतीय कवरेज मुहैया कराएगा. एनएसआईएल का गठन मार्च 2019 में किया गया था, यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है और इसरो की वाणिज्यिक शाखा है.

जून 2020 में सरकार द्वारा घोषित ‘‘अंतरिक्ष सुधारों’’ के तहत एनएसआईएल को ‘‘मांग आधारित’’ मॉडल पर उपग्रह मिशन शुरू करने की जिम्मेदारी दी गयी थी. एनएसआईएल के पास उपग्रहों के निर्माण, प्रक्षेपण, स्वामित्व और संचालन तथा अपने ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी है.

टाटा समूह की डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा प्रदाता कंपनी टाटा प्ले को जीसैट-24 संचार उपग्रह की पूरी क्षमता लीज पर दी जाएगी.
एरियन-5 रॉकेट के जरिए जीसैट-24 समेत मलेशियाई आॅपरेटर एमईएसैट के लिए एमईएसैट-3डी को भी सफलतापूर्वक उनकी निर्धारित कक्षाओं में प्रक्षेपित किया गया है.

एनएसआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन दुरईराज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘संपूर्ण मिशन पूरी तरह से एनएसआईएल द्वारा वित्त पोषित है जिसमें – उपग्रह, प्रक्षेपण, प्रक्षेपण अभियान, बीमा, परिवहन, कक्षा में रखरखाव आदि शामिल है. उपग्रह के कक्षा में स्थापित होने के बाद यह पूरी तरह से एनएसआईएल के स्वामित्व वाला होगा. हम ही इस उपग्रह का संचालन करेंगे.’’

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