संभव है बागी खेमे के कुछ विधायक लौटना चाहते हों, लेकिन उन पर दबाव हो: शिवसेना विधायक

मुंबई. महाराष्ट्र से असंतुष्ट विधायकों को लेकर सूरत जा रही एक कार से उतरकर वापस किसी तरह मुंबई पहुंचे शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में जिन विधायकों को ले जाया गया है, हो सकता है उनमें कुछ वापस आना चाह रहे हों लेकिन उन्हें जबरन रोका गया हो.

पाटिल ने मुंबई में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने महाराष्ट्र-गुजरात सीमा के पास कुछ किलोमीटर तक पैदल चलकर एक दोपहिया वाहन से लिफ्ट ली और फिर एक ट्रक में भी सवार हुए जिसके बाद वह बृहस्पतिवार तड़के यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पहुंचे.

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे इस समय कुछ बागी विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने विद्रोह का बिगुल बजाकर महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार को संकट में डाल दिया है. पाटिल ने बताया कि 20 जून को महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए हुए चुनाव में मुंबई में मतदान करने के बाद उन्हें ठाणे में शिंदे के आवास पर बुलाया गया था. उस्मानाबाद से विधायक ने कहा कि उन्हें कुछ और अन्य विधायकों के साथ ठाणे के मेयर के बंगले पर ले जाया गया जहां उनकी गाड़ियां बदल दी गयीं.

उन्होंने दावा किया, ‘‘उनके (शिंदे के) स्टाफ से एक आदमी मेरे साथ था और हमने वसई-विरार को पार किया. मुझे इलाके के बारे में ज्यादा पता नहीं था, लेकिन जैसे ही हम सड़क से गुजरे, (महाराष्ट्र-गुजरात) जांच चुंगी पर पहुंच गये. मुझे लगा कि किसी और दिशा में ले जाया जा रहा है.’’ पाटिल ने कहा, ‘‘जब कार रुकी तो स्टाफ के लोगों ने कहा कि चौकी पर जांच हो रही है और थोड़ा पैदल चलना होगा. मैंने कार का दरवाजा खोला तो बड़ा जाम लगा था.’’ उन्होंने कहा कि कार से उतरकर वह पैदल चलकर मुंबई जाने वाली सड़क पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह उस समय बारिश में भी फंस गये थे.

पाटिल ने कहा, ‘‘मुझे लगा कि वे लोग मेरी तलाश करेंगे. मैं करीब एक किलोमीटर तक ट्रकों के बीच पैदल चलता रहा. मैंने एक मोटर साइकिल वाले से लिफ्ट मांगी, लेकिन उसने मना कर दिया. बाद में एक दूसरे व्यक्ति ने मेरी मदद की और जांच चुंगी से तीन-चार किलोमीटर दूर एक होटल पर मुझे छोड़ दिया. वहां मैंने कुछ ट्रक चालकों और मुंबई की तरफ जा रही निजी गाड़ियों से मदद मांगने की कोशिश की.’’ उन्होंने कहा कि फिर उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास पर और शिवसेना के एक सांसद को फोन कर बताया कि वह लौट रहे हैं. उनके मोबाइल फोन की बैटरी कम थी, इसलिए वह यह नहीं बता सके कि उस समय कहां थे.

पाटिल ने कहा, ‘‘बाद में मुंबई की तरफ जा रहे उत्तर प्रदेश के एक ट्रक चालक ने मुझे दहीसर नाका तक पहुंचने में मदद की. वहां मुझे एक व्यक्ति लेने आया.’’ उन्होंने कहा कि विधायक नितिन देशमुख भी सूरत से लौट आये जहां उन्हें कुछ बागी विधायकों के साथ ले जाया गया था.

पाटिल ने दावा किया, ‘‘कुछ विधायक और हो सकते हैं जो लौटना चाहते हों, लेकिन दबाव या अन्य किसी दिक्कत से लौट नहीं पा रहे हों.’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने मुझे जिला परिषद का सदस्य बनाया, विधायक बनाया. मेरे उसूल मुझे शिवसेना के साथ धोखा करने की इजाजत नहीं देते. गुजरात ले गये अन्य लोग भी शायद ऐसा महसूस कर रहे हों.’’

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