साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने जॉनसन

ब्रिटिश प्रधानंत्री साबरमती आश्रम पहुंचे, गांधी के लंदन निवास पर लिखी पुस्तक भेंट की गई

अहमदाबाद/नयी दिल्ली. भारत के अपने दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी को ”असाधारण व्यक्ति” बताया, जिन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए सत्य और अंिहसा के सिद्धांतों पर बल दिया.
जॉनसन साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने. साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी ने एक दशक से अधिक समय तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन का नेतृत्व किया था.

जॉनसन ने गांधी आश्रम में आगंतुक-पुस्तिका में लिखा, ”इस असाधारण व्यक्ति के आश्रम में आना और यह समझना कि उन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किस प्रकार सत्य और अंिहसा के सरल सिद्धांतों पर बल दिया, यह बहुत बड़ा सौभाग्य है.” ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रशंसा की लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटेन के शासक वर्ग से गांधी के लिए ऐसी प्रशंसा दुर्लभ थी. अपनी यात्रा के दौरान, जॉनसन ‘हृदय कुंज’ गए जहां महात्मा गांधी रहते थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चरखे पर सूत कातने की भी कोशिश की. उन्हें चरखे की प्रतिकृति भी भेंट की गई.

साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक न्यास की ओर से जॉनसन को दो किताबें भेंट की गई हैं. इसमें एक ‘‘गाइड टू लंदन’’ है जो अप्रकाशित है और इसमें लंदन में कैसे रहा जाए, इसको लेकर महात्मा गांधी के सुझाव हैं. दूसरी किताब मीराबेन की आत्मकथा ‘‘ द स्प्रिट्स पिल्ग्रिम्ज’’ है. जॉनसन का शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम है. आश्रम के प्रवक्ता विराट कोठारी ने बताया कि जॉनसन बृहस्पतिवार सुबह अहमदबाद हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद साबरमती आश्रम गए जहां पर उनका स्वागत गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई ने किया.

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने इस आश्रम में वर्ष 1917 से 1930 तक निवास किया था. प्रवक्ता ने बताया कि साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक न्यास की ओर से साराभाई ने दो पुस्तक और चरखे की प्रतिकृति जॉनसन को भेंट की जो यहां करीब 30 मिनट तक रहे. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद जॉनसन ‘हृदय कुंज’’गए जहां महात्मा गांधी रहते थे. इसके बाद वह ‘‘मीरा कुटीर’’गए जहां पर गांधी की इंग्लैंड में जन्मी अनुयायी मीराबेन या मैडलिन स्लेज रहती थीं. जॉनसन का शुक्रवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम है.

ब्रिटिश प्रधानमंत्री की ‘सार्थक यात्रा’ को लेकर आशान्वित, रोडमैप-2030 पर होगी चर्चा : विदेश मंत्रालय

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ‘महत्वपूर्ण एवं सार्थक यात्रा’ को लेकर आशान्वित है जिसमें ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय, बहुपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी. ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा पर बृहस्पतिवार को अहमदाबाद पहुंचे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बेरिस जॉनसन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं और सुबह गुजरात पहुंचे.

उन्होंने कहा कि जॉनसन साबरमती आश्रम गए और इसके बाद वह कुछ अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि शाम को जॉनसन दिल्ली के लिये रवाना होंगे . बागची ने कहा, ‘‘ हम उनकी (जॉनसन) इस यात्रा को लेकर आशान्वित हैं . यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है और इस सार्थक यात्रा को लेकर आशान्वित हैं . ’’ प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय, बहुपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी. इससे पहले, बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ जॉनसन की बातचीत में हिंद प्रशांत क्षेत्र के हालात पर भी चर्चा होगी.

उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन भारत को रक्षा निर्माण का केन्द्र बनाने के मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में अपना सहयोग देने के लिए तैयार है और देश सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण को भी तैयार है. भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर उन्होंने कहा था कि जॉनसन की यात्रा अगले दौर की बातचीत की राह तैयार करेगी. ये बातचीत अगले सप्ताह होने वाली है.

दिल्ली में ब्रिटिश प्रधानमंत्री का 22 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया जायेगा . उनका राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर जाने और पुष्पांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम है. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन हैदराबाद हाउस में बैठक करेंगे . जॉनसन विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मिलेंगे. दोनों देशों के बीच कुछ समझौता ज्ञापन का भी आदान प्रदान किया जा सकता है. इससे पहले रविवार को जारी डाउंिनग स्ट्रीट के बयान के अनुसार, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन के बीच रणनीतिक रक्षा, कूटनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे.

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