‘काली’ पोस्टर विवाद : दिल्ली और उप्र पुलिस ने फिल्मकार के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी

नयी दिल्ली/लखनऊ. दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने फिल्मकार लीना मणिमेकलाई के खिलाफ उनके वृत्तचित्र ‘काली’ के विवादास्पद पोस्टर के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है. वहीं, भारतीय अधिकारियों ने कनाडा के अधिकारियों से फिल्म से जुड़ी सभी ‘‘भड़काऊ सामग्री’’ हटाने की अपील की है. टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलाई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी लघु फिल्म ‘काली’ का पोस्टर साझा किया था, जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा थामे हुए दिखाया गया है.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत और सोशल मीडिया पोस्ट की सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत 153ए(धर्म, नस्ल आदि के आधार पर दो समूहों में द्वेष को बढ़ावा देना)और धारा 295ए (जानबूझकर धर्म या उसकी मान्यताओं का अपमान कर धार्मिक भावना भड़काना) के तहत मामला बनता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक आॅपरेशन’ (आईएफएसओ) इकाई ने मणिमेकलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उन्होंने बताया कि एक वकील द्वारा की गई शिकायत और मुहैया की गई सामग्री के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में फिल्मकार लीना मणिमेकलाई, निर्माता आशा एसोसिएट्स और संपादक श्रवण ओनाचन के खिलाफ सोमवार रात धारा 120—बी (साजिश रचने), 153—बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना), 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान), 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के सुविचारित आशय से शब्द उच्चारित करना) समेत विभिन्न धाराओं तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई प्राधिकारियों से लघु फिल्म ‘काली’ से जुड़ी सभी आपत्तिजनक सामग्री हटाने की अपील की है. उच्चायोग ने कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से वहां प्रर्दिशत लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के ‘अपमानजनक चित्रण’ को लेकर शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया है.

ओटावा में भारतीय उच्चायोग की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि उसे कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से उस लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के ‘अपमानजनक चित्रण’ को लेकर शिकायतें मिली हैं, जिसका ‘अंडर द टेंट’ प्रोजेक्ट के तहत टोरंटो के आगा खान संग्रहालय में प्रदर्शन किया गया था.

बयान के मुताबिक, ‘‘टोरंटो में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के आयोजकों को इन चिंताओं से अवगत कराया है. हमें यह भी जानकारी मिली है कि कई हिंदू संगठनों ने मामले में कार्रवाई के लिए कनाडाई अधिकारियों से संपर्क किया है.’’ तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी मणिमेकलाई ने सोमवार को कहा कि वह जब तक जिंदा हैं, तब तक बेखौफ होकर अपनी आवाज उठाती रहेंगी.

विवाद पर प्रकाशित एक लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिमेकलाई ने ट्वीट किया, ‘‘मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है. मैं जब तक जिंदा हूं, एक ऐसी आवाज के साथ जीना चाहती हूं, जो मेरे मन की बात को बेखौफ होकर कह सके. अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है तो मैं इसे चुका सकती हूं.’’ उन्होंने लोगों से अपील भी की कि वह पोस्टर का अभिप्राय समझने के लिए वृतचित्र देखें.

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