केजरीवाल मुफ्त में सौगात की चर्चा को ‘अनुचित मोड़’ दे रहे हैं: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि वह लोगों को मुफ्त में सौगात दिये जाने पर चर्चा को ‘अनुचित मोड़’ दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आप नेता की बातें कुछ और नहीं बल्कि लोगों के मन में डर पैदा करने का एक प्रयास है. सीतारमण ने यह बात केजरीवाल के एक दिन पहले दिये गये बयान के बाद कही है.

केजरीवाल ने बुधवार को इस बात पर जनमत संग्रह कराए जाने की मांग की कि करदाताओं का धन स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए या किसी एक परिवार या किसी के मित्रों पर यह धन खर्च होना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से चाहे किसी की भी सरकार क्यों न हो, इन दोनों चीजों (शिक्षा और स्वास्थ्य) पर खर्च को कभी भी मुफ्त नहीं कहा गया है. इन्हें अब चर्चा में घसीटना पूरे मामले को ‘गलत मोड़’ देने जैसा है.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों को मुफ्त में सौगात दिये जाने पर चर्चा को अनचित मोड़ दिया है. स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को कभी भी मुफ्त नहीं कहा गया है.’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘आजादी के बाद से चाहे किसी की भी सरकार क्यों न हो, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च को कभी भी मुफ्त नहीं कहा गया है. इन दोनों चीजों को मुफ्त में वर्गीकृत करके केजरीवाल गरीबों के मन में ंिचता और भय की भावना लाने की कोशिश कर रहे हैं.’’

उल्लेखनीय है कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न दलों में ‘रेवड़ी’ (मुफ्त सौगात) बांटने जैसी लोकलुभावन घोषणाओं के चलन की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि यह न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है जो भारत के आत्मनिर्भर बनने के अभियान को बाधित कर सकती है.

प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों में मुफ्त में चीजें दिये जाने की घोषणा के संदर्भ में देखा गया. हाल के दिनों में पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली और पानी तथा अन्य चीजें देने का वादा किया गया था.
सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर सही तरीके से बहस होनी चाहिए और इसमें सभी को शामिल होना चाहिए.

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