‘रॉकेटरी- द नम्बी इफैक्ट’ का निर्माण एक राष्ट्रीय कर्तव्य जैसा : आर माधवन

दुबई. अंतरिक्ष वैज्ञानिक नम्बी नारायणन के जीवन पर आधारित ‘रॉकेटरी : द नम्बी इफैक्ट’ से फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रख रहे अभिनेता आर माधवन का कहना है कि यह फिल्म बनाना उनका एक सपना रहा है और इसे लेकर वह बेहद जुनूनी रहे हैं.
यह फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नम्बी नारायणन के जीवन पर आधारित है. फिल्म का मूल वाक्य है ‘कभी-कभी एक आदमी से गलती होती है… क्या एक राष्ट्र से भी कभी गलती होती है.’ नारायणन पर 1994 में मालदीव की दो कथित खुफिया अधिकारियों मरियम रशीदा और फौजिया हसन को महत्वपूर्ण रक्षा जानकारियां एवं सूचना उपलब्ध कराने का आरोप लगाया गया था.

अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने अदालत में अपनी पैरवी खुद की और उच्चतम न्यायालय ने 1996 में उन्हें दोष मुक्त घोषित किया था.
माधवन ने एक्सपो 2020 दुबई के तहत इंडिया पवेलियन में आयोजित मीडिया और मनोरंजन पखवाड़े से इतर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह हम में से किसी के लिए एक व्यावसायिक फिल्म नहीं है, यह एक राष्ट्रीय कर्तव्य है और मुझे उम्मीद है कि हम फिल्म के जरिए एक संदेश देने में सक्षम हुए हैं.’’ माधवन (51) ने कहा कि जब वह फिल्म के लिए नम्बी नारायणन से मिलने गए, तो कई लोगों की तरह, उन्हें भी वैज्ञानिक से जुड़े विवाद और कानूनी मामले के बारे में पता था.

माधवन ने कहा, ‘‘लोगों ने मुझे बताया कि केरल में एक वैज्ञानिक है जिस पर मालदीव की एक महिला के साथ संबंध रखने का गलत आरोप लगाया गया था. उसने अपना केस लड़ा और वह विजयी हुआ. यही एकमात्र कहानी थी जिसे मैंने सुना था और भारत के अधिकांश लोग भी नम्बी नारायणन के बारे में यही जानते हैं.‘‘ माधवन ने कहा,‘‘ जब मैं नम्बी नारायणन से मिला तो मुझे इस कहानी के अलावा बहुत सारी बातें पता चलीं. उनकी आंखों में गुस्सा और नाराजगी थी. नम्बी सर अपनी उपलब्धियों के बारे में नहीं बल्कि केवल उस मामले के बारे में बात कर रहे थे. वह केवल चाहते थे कि लोगों को सच पता चले.’’ यह फिल्म एक जुलाई को ंिहदी, तमिल, अंग्रेजी, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम समेत कई भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

Related Articles

Back to top button