सिखों से मोदी का लगाव राजनीतिक नहीं, बल्कि उनकी देशभक्ति की वजह से है: नड्डा

नयी दिल्ली/पुणे. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिख समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगाव उनकी देशभक्ति के कारण है, न कि राजनीतिक है. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में उत्पीड़न का शिकार सिखों को अब मोदी सरकार द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के कारण भारत में कानूनी पहचान मिल सकती है.

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय की अरसे से लंबित अनेक मांगों को पूरा किया है और वह सिखों तथा सिख धर्म की गहरी समझ रखते हैं एवं देश के लिए उनके बलिदान और साहस के प्रति अपार सम्मान भी रखते हैं. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर नड्डा ने सिखों की अरसे से लंबित अनेक मांगों का जिक्र किया और कहा कि मोदी सरकार ने इन्हें पूरा किया. इनमें समुदाय के अनेक सदस्यों को एक काली सूची से हटाने की मांग भी शामिल है.

नड्डा ने मोदी के साथ पार्टी संगठन के लिए काम करने के अपने पुराने दिनों को याद किया जब मोदी पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी थे. भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सिखों के प्रति मोदी का लगाव राजनीतिक नहीं है बल्कि उनकी देशभक्ति की वजह से है और देश तथा इसकी जनता के लिए सिखों के बलिदान की वजह से है.’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने सीएए कानून को लेकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की और कुछ नेताओं ने भी इस बारे में काफी शोर-शराबा किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राजनीतिक हो-हल्ला मचाने वाले नेता राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को नहीं समझते. क्या वे जानते हैं कि अफगानिस्तान में एक समय 50 हजार से अधिक सिख परिवार थे जो अब 2000 रह गये हैं. वे सिख भाई कहां जाएंगे. जो सिख भाई भारत आ गये वे क्या करेंगे.’’ नड्डा ने कहा कि ऐसे सिख भाई सीएए के कारण अपनी उचित कानूनी पहचान हासिल कर सके हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह आजादी के बाद पाकिस्तान से आकर जम्मू कश्मीर में बस गये सिखों को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त होने के बाद उनका उचित कानूनी दर्जा मिल पाया.

 

रतन टाटा से एक बार कहा था, RSS धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता: गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक बार उन्होंने उद्योगपति रतन टाटा से कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने यहां ंिसहगढ़ इलाके में एक धर्मार्थ अस्पताल का उद्घाटन किया. उन्होंने इस अवसर पर एक पुराना किस्सा सुनाया जब वह महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री थे.

गडकरी ने कहा, ‘‘औरंगाबाद में दिवंगत आरएसएस प्रमुख के बी हेडगेवार के नाम पर एक अस्पताल का उद्घाटन किया जा रहा था. मैं तब राज्य सरकार में एक मंत्री था. आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इच्छा व्यक्त की कि अस्पताल का उद्घाटन रतन टाटा करें और मुझसे मदद करने के लिए कहा.’’ गडकरी ने कहा कि इसके बाद उन्होंने टाटा से संपर्क किया और उन्हें देश में गरीबों को कैंसर देखभाल प्रदान करने में टाटा कैंसर अस्पताल के योगदान का हवाला देते हुए अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए राजी किया.

गडकरी ने कहा, ‘‘अस्पताल पहुंचने पर, टाटा ने पूछा कि क्या यह अस्पताल केवल ंिहदू समुदाय के लोगों के लिए है. मैंने उनसे पूछा ‘आप ऐसा क्यों सोचते हैं.’ उन्होंने तुरंत जवाब दिया, क्योंकि यह आरएसएस का है.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि अस्पताल सभी समुदायों के लिए है और आरएसएस में ऐसा कुछ (धर्म के आधार पर भेदभाव) नहीं होता.’’ गडकरी ने कहा कि फिर उन्होंने टाटा को कई बातें बताईं और बाद में वह “बहुत खुश हुए.’’

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