देश के इतिहास का पुनर्लेखन जरूरी, पश्चिमी इतिहासकारों की विकृति से मुक्त कराने की आवश्यकता: खट्टर

कुरुक्षेत्र. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि हमारे देश के इतिहास का पुनर्लेखन जरूरी है और उसे पश्चिमी इतिहासकारों के पूर्वाग्रहों और विकृति से मुक्त कराने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अतीत गौरवशाली था और उसे युवा पीढ़ी को सही अर्थों में बताने की जरूरत है.’’ खट्टर ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में कई प्रयास किये गए लेकिन भारत की शिक्षा नीति को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आने तक मैकाले की व्यवस्था से मुक्त नहीं कराया जा सका था. उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 में देश की संस्कृति और परंपराओं की आत्मा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में मानव संसाधन और नागरिकों की अहम भूमिका होती है. यहां कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एनईपी के क्रियान्वयन के दौरान खट्टर ने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों में नई शिक्षा नीति के निर्माण के कई प्रयास किये गए लेकिन इसे मैकाले की शिक्षा नीति से मुक्त नहीं किया जा सका. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है और इसमें भारतीय संस्कृति तथा परंपरा की आत्मा निहित है.’’ विश्वविद्यालय को एनईपी का क्रियान्वयन करने पर बधाई देते हुए खट्टर ने कहा कि यह नीति ‘‘नए भारत’’ की नींव रखती है क्योंकि यह समग्रता के सिद्धांत पर आधारित है.

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