मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी, पीसी जॉर्ज गिरफ्तार, अदालत से जमानत मिली

तिरुवनंतपुरम. केरल के वरिष्ठ राजनीतिक नेता पीसी जॉर्ज को मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि उन्हें मजिस्ट्रेट अदालत से जमानत मिल गई. जॉर्ज को कोट्टायम जिले के एरात्तुपेत्ता स्थित उनके आवास से आज तड़के हिरासत में लिया गया और उन्हें उनकी निजी गाड़ी से तिरुवनंतपुरम एआर कैंप लाया गया, जहां उनकी औपचारिक रूप से गिरफ्तारी दर्ज की गई.

उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उन्हें ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद जॉर्ज ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि मजिस्ट्रेट ने उनसे जांच में दखल नहीं देने, गवाहों को प्रभावित नहीं करने या नफरती भाषण नहीं देने या विवाद में नहीं पड़ने को कहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि वह देश से प्यार नहीं करने वाले किसी भी धर्म के कट्टरपंथी समूहों का समर्थन नहीं करना चाहते हैं या वोट देना नहीं चाहते हैं. जॉर्ज ने कहा, ‘‘यह मुझे किसी धर्म के खिलाफ कैसे बनाता है?’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी रमजान का तोहफा है जिसे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों को दिया है.
इससे पहले राज्य के पुलिस प्रमुख अनिल कांत के निर्देश पर तिरुवनंतपुरम फोर्थ थाने के अधिकारियों ने जॉर्ज को हिरासत में लिया. उनके खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

जॉर्ज को हिरासत में लेकर तिरुवनंतपुरम लाने के दौरान रास्ते में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं, जबकि डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने उन्हें एआर कैंप के बाहर काले झंडे दिखाए. वहीं, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन भी वहां पहुंचे, लेकिन उन्हें एआर कैंप में प्रवेश नहीं करने दिया गया. टीवी चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में डीवाईएफआई के कथित कार्यकर्ता जॉर्ज की गाड़ी पर अंडे फेंकते दिखाई देते हैं. एआर कैंप में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद मुरलीधरन ने वहां पत्रकारों से बातचीत में 70 वर्षीय नेता को गिरफ्तार करने को लेकर जल्दबाजी पर सवाल उठाया.

मंत्री ने कहा कि राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की हत्या के मामले में इतनी जल्दबाजी नहीं दिखाई गई. उन्होंने कहा कि जॉर्ज न तो आतंकवादी हैं और न ही अपराधी, वह एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता हैं, पूर्व विधायक हैं और उन्हें गिरफ्तार करने में जल्दबाजी क्यों की? मुरलीधरन ने कहा कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के युवा संगठन मुस्लिम यूथ लीग की एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है और आरोप लगाया कि केरल में सरकार यूथ लीग की शिकायत पर मिनटों में किसी को भी गिरफ्तार कर लेगी.

उधर, जॉर्ज के बेटे शौन जॉर्ज ने तिरुवनंतपुरम में एक समाचार चैनल से कहा कि अगर उनके पिता को फोर्ट थाने बुलाया जाता तो वह वहां जाते और अपने बयान के कारणों के बारे में बताते. उन्होंने कहा कि उनके पिता फरार नहीं होते. दूसरी ओर, विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक वी डी सतीशन ने कहा कि कथित घृणास्पद भाषण देने के फौरन बाद प्राथमिकी दर्ज की जानी थी, न कि 24 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना था.

उन्होंने कहा कि पुलिस पीसी जॉर्ज को उनके निजी वाहन से तिरुवनंतपुरम ले गई जिस वजह से कथित तौर पर भाजपा समर्थक और कार्यकर्ता रास्ते में उन्हें शुभकामनाएं दे सके. सतीशन के अनुसार, पीसी जॉर्ज के बयान को उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता, क्योंकि इस तरह की स्वतंत्रता धार्मिक अधिकारों का अतिक्रमण कर सकती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के पीछे संघ परिवार है और उन्होंने राज्य और पुलिस से उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने का आग्रह किया.

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि संघ परिवार केरल में पैर जमाने के लिए जॉर्ज का इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि यहां उसकी मौजूदगी नहीं है. कांग्रेस की केरल इकाई के पूर्व नेता जॉर्ज ने कथित तौर पर कहा था कि केरल में मुस्लिम समुदाय द्वारा चलाए जा रहे रेस्तराओं में गैर-मुसलमानों को नहीं जाना चाहिए.

यहां चल रहे अनंतपुरी ंिहदू महा-सम्मेलन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि देश पर कब्जा करने के लिए मुस्लिमों द्वारा संचालित रेस्तराओं में नपुंसकता पैदा करने वाली चाय बेची जाती है. उन्होंने कथित तौर पर गैर-मुस्लिमों से मुसलमानों के साथ कारोबार नहीं करने का भी आग्रह किया था.

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