किसी भी देश द्वारा चलाये गये सबसे सफल निकासी अभियानों में से एक है ‘ऑपरेशन गंगा’ : पुरी

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमलों के बीच वहां से भारतीयों को वापस निकालने के लिए चलाया गया ‘ऑपरेशन गंगा’ अब तक किसी भी देश द्वारा कहीं भी चलाये गये सबसे सुनियोजित और सफल निकासी अभियानों में से एक है.

लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने कहा कि सभी दलों के सदस्यों ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के सरकार के अभियान की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत के परामर्शों के बाद काफी भारतीय छात्रों ने वहां से निकलने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन कुछ छात्र शुरू में यूक्रेन नहीं छोड़ना चाहते थे .

पुरी ने कहा कि बाद में उनमें से अनेक छात्रों ने बताया कि यूक्रेन के जिन शिक्षण संस्थानों में वे पढ़ रहे थे, वहां के अधिकारियों ने उन्हें यह समझाने का प्रयास किया कि हालात जल्द सही हो जाएंगे. पुरी ने कहा कि कुछ छात्रों को यह कहकर रोकने का प्रयास किया गया कि उनके पाठ्यक्रम का थोड़ा समय बचा है, ऐसे में वे बीच में पढ़ाई छोड़कर जाएंगे तो नुकसान होगा.

गौरतलब है कि यूक्रेन से निकासी अभियान के समन्वय के लिये सरकार द्वारा भेजे गए मंत्रियों के दल में हरदीप पुरी भी शामिल थे .
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों और मार्गदर्शन में सरकार ने तथा अधिकारियों ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए डटकर प्रयास किये और उड़ानों की संख्या एक दिन में 4 से 7 और बाद में 11 तक बढ़ाई गयी. केंद्रीय मंत्री ने पूर्व में चलाये गये ऐसे अनेक अभियानों-‘ऑपरेशन सेफ होम कंिमग’, ‘ऑपरेशन राहत’, ‘ऑपरेशन मैत्री’ और ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ आदि के नाम गिनाये.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने 39 साल के अनुभव के आधार पर सकता हूं कि ऑपरेशन गंगा अब तक किसी भी देश द्वारा कहीं भी चलाये गये सबसे अच्छी तरह समन्वित और सफल निकासी अभियानों में से एक है.’’ पुरी ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से युद्ध के बीच यूक्रेन से न केवल भारतीयों को बल्कि पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित वापस लाया गया.

यूक्रेन संकट के दौरान संवेदनशील सरकार की तरह काम किया, सफलतम निकासी अभियान पूरा किया

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक संवेदनशील सरकार के रूप में काम करते हुए हमने हाल के इतिहास के सफलतम निकासी अभियान को पूरा किया और करीब 23 हजार भारतीयों को वापस लाने में सफल रहे.

लोकसभा में नियम 193 के तहत यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए सिंधिया ने कहा कि हम अलग-अलग दलों से हो सकते हैं लेकिन जब देश की बात आती है तब हमारा मत और आवाज एक होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आग ले जाने के लिये दिन-रात निरंतर प्रयास कर रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि अतीत में ऐसा कालखंड रहा है जब दो देशों के बीच युद्ध होने पर उसका प्रभाव उन देशों तक या आसपास के कुछ पड़ोसी देशों तक सीमित रहता था. लेकिन आज दुनिया एक दूसरे से कई माध्यमों से जुड़ गई है और किसी भी एक देश की घटना का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी हो, देश के 135 करोड़ लोगों तथा 110 देशों में बसे प्रवासी भारतीयों के प्रति उसकी जिम्मेदारी होती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार इस जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रही है.

यूक्रेन संकट के दौरान ठीक ढंग से भारतीयों के लिये परामर्श जारी नहीं करने के कुछ विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर सिंधिया ने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल था जिसने संकट के शुरूआत में ही परामर्श जारी किया. उन्होंने कहा कि ये परामर्श 15, 18, 20 और 21 फरवरी को जारी किये गए.

उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने एक-एक नागरिक के रक्षक के रूप में कमान संभाली. नागर विमानन मंत्री ने कहा कि उन्हें निकासी अभियान ‘आॅपरेशन गंगा’ के समन्वय के लिये माल्डोवा एवं रोमानिया भेजा गया और कहा गया कि भारतीय नागरिकों को लेकर आने वाली आखिरी उड़ान तक वहां रूकना है. उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक संवेदनशीन प्रबंधन व्यवस्था का मजबूत उदाहरण है. ’’

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