पेगासस मामला : न्यायालय ने जांच रिपोर्ट सौंपने की बढ़ाई समय-सीमा

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए उसके द्वारा नियुक्त तकनीकी एवं निगरानी समितियों के रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा शुक्रवार को बढ़ा दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि इजराइली स्पाईवेयर के सिलसिले में 29 ‘प्रभावित’ मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए. प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति स्पाइवेयर को लेकर प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं.

पीठ ने कहा कि ‘प्रभावित उपकरणों’ की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. न्यायालय ने कहा कि तकनीकी समिति की जांच मई के अंत तक पूरी हो सकती है और फिर पर्यवेक्षी न्यायाधीश पीठ के विचार के लिए एक रिपोर्ट तैयार करेंगे.

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं. पीठ ने एक अंतरिम रिपोर्ट मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि तकनीकी समिति, जिसने स्पाईवेयर की जांच के लिए 29 मोबाइल फोन प्राप्त किये हैं, ने इस उद्देश्य (जांच) के लिए अपना सॉफ्टवेयर विकसित किया है और कुछ सरकारी एजेंसियों तथा पत्रकारों सहित व्यक्तियों को नोटिस जारी किये हैं.

न्यायालय ने कहा, ‘‘अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए वक्त देने का अनुरोध किया गया है. अब, यह प्रक्रिया के तहत है. हम उन्हें वक्त देंगे.’’ पीठ ने कहा, ‘‘तकनीकी समिति की प्रक्रिया चार हफ्तों में पूरी हो जानी चाहिए और पर्यवेक्षी न्यायाधीश को सूचित किया जाना चाहिए. वह उसके बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. (सुनवाई) जुलाई में किसी तारीख के लिए सूचीबद्ध की जाए. ’’ हालांकि, पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा किये गये अनुरोध से जुड़ा कोई आदेश नहीं जारी किया, जो कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हो रहे हैं. उन्होंने अंतरिम रिपोर्ट पक्षकरों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिपोर्ट अंतरिम है जिसे इस समय सार्वजनिक किये जाने की जरूरत नहीं है. शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2021 में इजरायली स्पाइवेयर के कथित उपयोग की जांच के आदेश दिए थे. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कथित जासूसी के संभावित लक्ष्यों की सूची में 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर शामिल थे.

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