पीएम-केयर्स फंड की जानकारी सार्वजनिक करने की अपील करने वाली याचिका खारिज

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने ‘‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष’’ (पीएम-केयर्स कोष) के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से इसका आॅडिट कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से शुक्रवार को इनकार कर दिया.

न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाएं और मामले में पुर्निवचार याचिका दायर करें . याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने रिट याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार नहीं किया.

पीठ ने कहा, ”आपकी यह बात सही हो सकती है कि सभी मुद्दों पर विचार नहीं किया गया. हमें नहीं पता कि आपने क्या तर्क दिया था. आप जाएं और पुर्निवचार याचिका दायर करें. ” अदालत की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली.
अधिवक्ता दिव्या पाल ंिसह की इस अपील में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 31 अगस्त, 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी.
उच्च न्यायालय ने 18 अगस्त, 2020 के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी थी. शीर्ष अदालत ने पीएम-केयर्स फंड के सीएजी आॅडिट की मांग करने वाली सीपीआईएल नामक एनजीओ की याचिका को खारिज कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने केंद्र को कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पीएम-केयर्स फंड में दान की गई धनराशि को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि दोनों कोष अलग-अलग तरह के हैं और दोनों का उद्देश्य भी अलग है.

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