प्रधानमंत्री मोदी ने फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन से मुलाकात की

कोपेनहेगन. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां फिनलैंड की अपनी समकक्ष सना मरीन से मुलाकात की और व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की. तीन यूरोपीय देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को र्बिलन से यहां पहुंचे मोदी ने डेनमार्क की राजधानी में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से इतर मरीन से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन ने कोपेनहेगन में मुलाकात की. भारत और फिनलैंड के बीच विकासात्मक साझेदारी तेजी से बढ़ रही है. दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और ऐसे अन्य क्षेत्रों में इस साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने ट्वीट किया कि इस ‘‘सार्थक बैठक’’ के दौरान, दोनों नेताओं ने ‘‘एआई, 5जी/6जी और ‘क्वांटम कंप्यूंिटग’ जैसे नए और उभरते क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने पर चर्चा की. भारत में हाई-टेक क्षेत्रों में निवेश करने के लिए फिनलैंड के व्यवसायी समुदाय को आमंत्रित किया.’’

मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने 16 मार्च, 2021 को आॅनलाइन तरीके से आयोजित द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के नतीजों के कार्यान्वयन में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया.’’ विज्ञप्ति के अनुसार दोनों नेताओं ने कहा कि स्थिरता, डिजिटलीकरण और विज्ञान तथा शिक्षा में सहयोग जैसे क्षेत्र द्विपक्षीय साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. उन्होंने एआई, क्वांटम कंप्यूंिटग, भविष्य की मोबाइल प्रौद्योगिकियों, और स्मार्ट ग्रिड जैसी नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री मोदी ने फिनलैंड की कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने और भारतीय बाजार में विशेष रूप से दूरसंचार बुनियादी ढांचे और डिजिटल क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रम और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में व्यापक सहयोग पर भी चर्चा हुई. मोदी डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे 2018 में पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे.

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