राष्ट्रपति पद का चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि दो विचारों के बीच है: कांग्रेस

केंद्र सरकार सत्ता की लालच में इतनी अंधी हो चुकी है कि असम में बाढ़ दिखाई नहीं देती

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति पद का चुनाव दो व्यक्तियों के बीच का मुकाबला नहीं है, बल्कि यह चुनाव दो विचारों एवं दो सोच के बीच है. पार्टी प्रवक्ता गौरव गोगोई ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह के उस बयान पर यह प्रतिक्रिया दी है जिसमें सिंह ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए.

गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति का पद सभी जातियों, सभी वर्गों की आशा और आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है. अगर भाजपा की यह मंशा है कि इस चुनाव को सिर्फ एक वर्ग के साथ जोड़ेंगे तो फिर उन्हें राष्ट्रपति पद की गरिमा के बारे में सोचना चाहिए.’’ उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा, ‘‘राष्ट्रपति का चुनाव दो व्यक्तियों के बीच मुकाबला नहीं है, बल्कि यह दो विचारों के बीच मुकाबला है.’’ गोगोई ने यह भी कहा, ‘‘राष्ट्रपति पद का चुनाव एक विचारधारा का चुनाव है, वर्तमान परिस्थिति को लेकर भी चुनाव है. उनकी सोच और हमारी सोच को लेकर चुनाव है. भाजपा की सोच देश को पीछे की तरफ ले जाने वाली है.’’

राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है. इसके लिए नामांकन 29 जून तक भरा जा सकेगा और चुनाव परिणाम की घोषणा 21 जुलाई तक हो जाएगी. विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं तो सत्तारूढ़ राजग गठबंधन ने आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.

केंद्र सरकार सत्ता की लालच में इतनी अंधी हो चुकी है कि असम में बाढ़ दिखाई नहीं देती

कांग्रेस ने असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच महाराष्ट्र के कई शिवसेना विधायकों की गुवाहाटी में मौजूदगी को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सत्ता की लालच में इतनी अंधी हो चुकी है कि उसे असम में बाढ़ की तबाही दिखाई नहीं देती. पार्टी प्रवक्ता और सांसद गौरव गोगोई ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर आज एक जिम्मेदार केंद्र सरकार होती तो असम और पूर्वोत्तर में केंद्रीय मंत्री को भेजा जाता और प्रधानमंत्री खुद जाकर देखते कि लोगों की क्या समस्या है. इसके बाद केंद्र सरकार मदद के लिए पैकेज की घोषणा करती और दूसरे अन्य सहयोग भी करती.’’ गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘अफसोस की बात है कि वर्तमान में केंद्र की सरकार जिम्मेदार सरकार नहीं है. वह सत्ता की लालच में इतना अंधी हो चुकी है कि उसे असम में बाढ़ की तबाही दिखाई नहीं देती.’’

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार गिरानी है तो महाराष्ट्र के विधायकों को असम भेजती है. पूर्वोत्तर के साथ इतना निष्ठुर और सौतेला व्यवहार कभी नहीं देखा गया…हमारे प्रधानमंत्री तो गुजरात के चुनाव और महाराष्ट्र में सरकार गिराने में व्यस्त हैं.’’ गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम असम के मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि क्या आपने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से वित्तीय मदद मांगी?’’ असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि बाढ़ से राज्य में 12 और लोगों की मौत हो गई है जबकि 32 जिलों में 55 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं.

हमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विश्वास है

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विश्वास है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में अस्थिरता पैदा करने की अपनी मंशा में सफल नहीं हो सकेगी. पार्टी नेता गौरव गोगोई ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से जुड़े एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा विश्वास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर है. हम अपने महाराष्ट्र के साथियों के साथ संपर्क में है. हमे भरोसा है कि स्थिर सरकार को गिराने और राज्य को अस्थिरता में ले जाने की भाजपा की मंशा सफल नहीं होगी.’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ऐसे समय जब (असम में) बाढ़ आई हुई है, किसान और नौजवान परेशान हैं, कई जगहों पर भ्रष्टाचार है, तब भाजपा इन मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.’’ शिवसेना में बगावत से जुड़े सवाल पर गोगोई ने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ ंिशदे की अगुवाई में शिवसेना के कई विधायकों की बगावत करने के बाद राज्य में महा विकास आघाड़ी सरकार संकट में आ गई है. कांग्रेस भी इस सरकार का हिस्सा है.

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