पैगम्बर टिप्पणी विवाद : भारत ने ओआईसी के बयान को संकीर्ण सोच वाला बताया

नयी दिल्ली. भाजपा से अब निलंबित एवं निष्कासित हो चुके दो नेताओं के पैगम्बर मोहम्मद से संबंधित विवादित बयान पर इस्लामिक देशों की बढ़ती आलोचना के बीच भारत ने सोमवार को इस्लामिक देशों के संगठन (आईओसी) की टिप्पणियों को ‘संकीर्ण सोच वाला, प्रेरित, भ्रमित एवं शरारतपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया.

नयी दिल्ली ने इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एवं विदेश मंत्रालय के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन करने वाले एक देश की, किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर टिप्पणी किसी के गले नहीं उतर रही है. इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिदंम बागची ने कहा कि भारत सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखता है और 57 सदस्यीय समूह का बयान निहित स्वार्थी तत्वों की शह पर उसके विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है.

उल्लेखनीय है कि ओआईसी ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर भारत की आलोचना की थी और संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया था कि मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. बागची ने कहा, ‘‘ हमने ओआईसी के सचिवालय से भारत को लेकर दिये गए बयान को देखा है. भारत सरकार ओआईसी सचिवालय की ‘गैर जरूरी और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणी’ को सिरे से खारिज करता है . भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ व्यक्तियों द्वारा एक पूजनीय हस्ती के खिलाफ आक्रामक ट्वीट एवं अमर्यादित टिप्पणी की गई. ये टिप्पणियां किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रर्दिशत नहीं करती हैं.’’ उन्होंने कहा कि संबंधित निकायों द्वारा इन लोगों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है.

बागची ने कहा, ‘‘ यह खेदजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर से गुमराह करने वाली और शरारतपूर्ण टिप्पणी की. यह निहित स्वार्थी तत्वों की शह पर उसके विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘हम ओआईसी सचिवालय से आग्रह करते हैं कि वह सांप्रदायिक रुख को आगे बढ़ाना बंद करे और सभी धर्मों एवं आस्थाओं के प्रति सम्मान प्रर्दिशत करे.’’ गौरतलब है कि भाजपा ने विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया. वहीं, दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार ंिजदल को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा से निष्कासित करने का फैसला लिया. दोनों नेताओं की विवादित टिप्पणियों को लेकर कई खाड़ी देशों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.

टिप्पणियों को लेकर मुस्लिम समुदाय के विरोध के बीच भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है. इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी की रविवार को ंिनदा की थी. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि भारत की वर्तमान सरकार धार्मिक स्वतंत्रता और विशेष रूप से मुसलमानों के अधिकारों को कुचल रही है.

पाकिस्तान ने इन विवादित टिप्पणियों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार सुबह भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था. वहीं, कतर, कुवैत और ईरान ने इस मामले में भारतीय राजदूतों को तलब किया और इस विवादित बयान की ंिनदा की. सऊदी अरब, बहरीन और अफगानिस्तान ने भी विवादित बयान की ंिनदा की है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके भाजपा प्रवक्ता की टिप्पणियों की ंिनदा की और कहा कि इनसे पैगंबर मोहम्मद का अपमान हुआ है.

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने ‘‘इस्लाम धर्म के प्रतीकों के खिलाफ पूर्वाग्रहों के प्रति अपनी अस्वीकृति’’ को दोहराया. उधर, बहरीन के विदेश मंत्रालय ने अपने नेताओं के खिलाफ भाजपा की कार्रवाई का स्वागत किया .कुवैत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजदूत को रविवार को तलब किया गया और एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री ने उन्हें एक आधिकारिक विरोध नोट सौंपा, जिसमें पैगंबर के खिलाफ भाजपा नेता की टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए इनकी ंिनदा की गई है. अफगानिस्तन में तालिबान नीत सरकार ने भी इन टिप्पणियों की ंिनदा की है.

वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्रालय के बयान पर बागची ने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन करने वाले एक देश का किसी दूसरे देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर टिप्पणी करना किसी के गले नहीं उतर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान में ंिहदुओं, सिखों, ईसाइयों, अहमदिया सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सुनियोजित उत्पीड़न की गवाह रही है.

बागची ने कहा कि भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है, जबकि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की सराहना की जाती है और उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि हमारा पाकिस्तान से कहना है कि वह भय पैदा करने वाले दुष्प्रचार में संलग्न होने और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने के बजाय अपने यहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा एवं कुशलता पर ध्यान केंद्रित करे.

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