यूक्रेन पर रूस के हमलों में तेजी के बीच पुतिन ने विजय दिवस परेड की सलामी ली

जापोरिज्जिया. यूक्रेन के दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल पर कब्जे की कोशिशों में रूसी सेना ने सोमवार को अपने हमले और तेज किए. रूसी हमलों में तेजी ऐसे समय आई है जब मॉस्को में ‘विजय दिवस’ का जश्न मनाया जा रहा है. मारियुपोल में समुद्र तट पर स्थित अजोवस्तल इस्पात संयंत्र शहर का एकमात्र हिस्सा है जो रूसी नियंत्रण में नहीं है. युद्ध के 11वें सप्ताह में रूसी बलों ने इस्पात संयंत्र पर हमले तेज कर दिए हैं. उनका मुकाबला करने के लिए वहां करीब 2,000 यूक्रेनी लड़ाके तैनात हैं.

यूक्रेन अगर यहां अपना कब्जा गंवाता है तो इसका मतलब होगा कि उसने एक अहम बंदरगाह खो दिया जिससे रूस क्रीमियाई प्रायद्वीप तक जमीनी गलियारा स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा. रूस ने 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था.
यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने मिसाइलों से हमले की अत्यधिक आशंका को लेकर चेतावनी दी है और कहा कि जापोरिज्जिया में रूस के नियंत्रण वाले इलाकों में रूसी सैनिक ‘‘बिना किसी कारण के स्थानीय लोगों के व्यक्तिगत दस्तावेजों को जब्त कर रहे हैं’’.

उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी सैनिक दस्तावेज जब्त कर रहे हैं जिससे निवासियों को ‘विजय दिवस’ आयोजनों में शामिल होने के लिए बाध्य किया जा सके. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल में आगाह किया था कि रूसी हमले ‘विजय दिवस’ पर और बढ़ सकते हैं. रूस द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर तत्कालीन सोवियत संघ की जीत की याद में ‘विजय दिवस’ मनाता है. यह जीत नौ मई को ही हासिल की गई थी.

रूसियों के बारे में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ंिलडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने सीएनएन से कहा, ‘‘उनके पास जश्न मनाने की कोई वजह नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे यूक्रेन को हराने में कामयाब नहीं हुए हैं. वे दुनिया या नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) को बांटने में कामयाब नहीं हुए. वे केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को अलग-थलग करने और दुनिया भर में एक बहिष्कृत देश बनने में कामयाब हुए हैं.’’

विजय दिवस के अवसर पर सोमवार को एक सैन्य परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आक्रमण को न्यायोचित ठहराने की कोशिश के तहत दावा किया कि ‘‘हमारी सीमाओं के ठीक बगल में पूरी तरह अस्वीकार्य एक खतरे’’ को खत्म करने के लिए यह जरूरी था. उन्होंने बार-बार यह आरोप लगाया है कि यूक्रेन रूस पर हमले की योजना बना रहा था, हालांकि कीव इससे स्पष्ट रूप से इनकार करता रहा है.

पुतिन ने दावा किया, ‘‘खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा था’’ और ‘‘रूस ने आसन्न हमले का जवाब दिया है.’’ उन्होंने सुरक्षा गारंटी और नाटो के विस्तार को वापस लेने की रूस की मांग पर ध्यान न दिए जाने पर एक बार फिर पश्चिमी देशों की ंिनदा की तथा दलील दी कि ऐसे में मॉस्को के पास हमले के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था.

पुतिन ने हालांकि इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि हमले का अगला चरण क्या होगा न ही मारियुपोल पर पूर्ण कब्जे का दावा किया जिसे उनकी सेना ने हफ्तों से घेर रखा है और वहां लगातार बमबारी कर रही है. बंदरगाह शहर के इस्पात संयंत्र में यूक्रेनी सैनिकों ने हथियार डालने के लिए रूस द्वारा निर्धारित समयसीमा को नकार दिया है. रूस लड़ाकू विमानों, तोपखानों व टैंक से लगातार हमले कर रहा है.

यूक्रेन की अजÞोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर कैप्टन स्वीतोस्लाव पालमार ने कहा, ‘‘ हम पर लगातार गोलाबारी की जा रही है.’’ अजÞोव रेजिमेंट के एक अन्य सदस्य लेफ्टिनेंट इल्या समोइलेंको ने कहा, ‘‘ आत्मसमर्पण अस्वीकार्य है, क्योंकि हम दुश्मन को ऐसा तोहफा नहीं दे सकते.’’ उन्होंने कहा कि संयंत्र में सैकड़ों घायल सैनिक हैं. उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि कितने सैनिक सही सलामत हैं.

इस्पात संयंत्र में सैनिकों के पास जीवनरक्षक उपकरणों की कमी है और गोलाबारी में तबाह हुए बंकरों के मलबे से लोगों को निकालने के लिए उन्हें हाथ से खुदाई करनी पड़ रही है. संयंत्र में सैनिकों के साथ शरण लेने वाले असैन्य नागरिकों को शनिवार को वहां से पूरी तरह निकाल लिया गया. आम नागरिकों का अंतिम जत्था रविवार देर रात जापोरिज्जिया शहर पहुंच गया. जत्थे में शामिल लोगों ने बताया कि लगातार गोलाबारी हो रही थी, खाने की कमी थी, हर जगह सीलन और फफूंद थी तथा खाना पकाने के लिए ईंधन के तौर पर वे सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे थे.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने ट्विटर पर एक दैनिक खुफिया रिपोर्ट में कहा कि रूस सटीक-निर्देशित हथियारों की कमी का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में वह कम गुणवत्ता वाले रॉकेट व बमों का उपयोग कर रहा है जिससे यूक्रेनी कस्बों व शहरों में नागरिक हताहत हो रहे हैं. इस बीच, यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी गांव बिलोहोरिवका में एक स्कूल पर बमबारी में 60 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है. शनिवार को हमले के समय इस स्कूल में बने तहखाने में करीब 90 लोगों ने शरण ले रखी थी.

लुहान्स्क प्रांत के गवर्नर ऐर्हिए हैदी ने ‘टेलीग्राम ऐप’ पर बताया कि आपात सेवा र्किमयों को दो शव बरामद हुए हैं और 30 लोगों को उन्होंने वहां से निकाला है, ‘‘लेकिन मलबे में दबे अन्य 60 लोगों के मारे जाने की आशंका है.’’ उन्होंने बताया कि प्राइविलिया में भी रूसी गोलाबारी में 11 और 14 वर्ष के दो लड़के मारे गए. औद्योगिक केंद्र डोनबास के लुहान्स्क पर भी रूस कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.

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