रामपुरहाट की घटना भयावह, बंगाल हिंसा की संस्कृति की गिरफ्त में : राज्यपाल

कोलकाता. रामपुरहाट में आठ लोगों की मौत की घटना को भयावह करार देते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि यह इस बात का संकेत है कि राज्य ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में है. इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव से शीघ्र ही इसके संबंध में जानकारियां मांगी है. यहां से करीब 220 किलोमीटर दूर बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में तृणमूल कांग्रेस के उपपंचायत प्रमुख की हत्या के बाद कुछ घरों में कथित रूप से आग लगा दी गयी जिससे आठ लोगों की जलकर मौत हो गई.

राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘ बीरभूम के रामरपुरहाट में भयावह हिंसा एवं आगजनी इस बात का संकेत है कि राज्य हिंसा की संस्कृति एवं अराजकता की गिरफ्त में है.’’ उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का संकेत है.  उन्होंने इस ट्वीट के साथ, टीवी पर प्रसारित संदेश में कहा, ‘‘ प्रशासन को दलीय हित से ऊपर उठने की जरूरत है जो आगाह किए जाने के बाद भी हकीकत में नजर नहीं आ रही है.’’

पुलिस से इस मामले की जांच पेशेवर ढंग से करने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को इस घटना के बारे में तत्काल उन्हें जानकारियां भेजने को कहा है. धनखड़ ने कहा, ‘‘इस मामले के बाद, अपने आप को इस निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक पाना बड़ा मुश्किल है कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार धूल चाट रहा है एवं कानून के शासन की नैया पलट गयी है.’’

घर से शव मिलने का मामला: बंगाल में भाजपा विधायकों ने ममता के बयान की मांग की, बहिर्गमन किया

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट स्थित एक घर में कथित तौर पर आग लगाए जाने के बाद आठ शव बरामद होने के मामले में मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विधानसभा में बयान देने की मांग की और फिर सदन से बहिर्गमन भी किया. भाजपा विधायक शंकर घोष ने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि इसे प्रश्नों में सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

”वंदे मातरम” और ”धिक्कार, धिक्कार” के नारों के साथ ही घोष और 40 अन्य भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.
बाद में घोष ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक हत्याएं की जा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां तक कि सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों की भी हत्या की जा रही है और कानून-व्यवस्था विभाग का प्रभार संभाल रहीं मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा कि पार्टी इस बात का फैसला करेगी कि मंगलवार को सत्र की बाकी कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहना है या नहीं.

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