कच्चे तेल, डीजल, विमान ईंधन पर लगे कर की समीक्षा हर पखवाड़े: सीतारमण

नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कच्चा तेल, डीजल-पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर लगाए गए नए करों की समीक्षा अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखते हुए हर पखवाड़े करेगी. सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह एक मुश्किल वक्त है और वैश्विक स्तर पर तेल कीमतें बेलगाम हो चुकी हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम निर्यात को हतोत्साहित नहीं करना चाहते लेकिन घरेलू स्तर पर तेल की उपलब्धता बढ़ाना चाहते हैं.’’ सीतारमण ने कहा कि कुछ तेलशोधन कंपनियां घरेलू आपूर्ति को नजरअंदाज कर विदेशों में पेट्रोल-डीजल की बिक्री कर असाधारण लाभ कमा रही थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कच्चे तेल की बिक्री से होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाने का फैसला किया है.

सरकार ने शुक्रवार को ही पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन के निर्यात पर कर लगाने की घोषणा की. पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगाया गया है. यह एक जुलाई से प्रभाव में आ गया है. इसके साथ ही ब्रिटेन की तरह स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी कर लगाने की घोषणा की गई. घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का कर लगाया गया है.

सीतारमण ने कहा, “हर 15 दिन पर इन करों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत महसूस होने पर करों में उनमें बदलाव भी किए जाएंगे.” उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में भारत को विदेश से किफायती दर पर कच्चा तेल खरीदने में दिक्कत हो रही है लेकिन इसी समय घरेलू स्तर पर उत्पादित तेल को कुछ कंपनियां विदेश में ऊंचे दाम पर बेचकर असाधारण लाभ कमा रही हैं. इसकी वजह से इन कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ हो रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा, “हालांकि हमें इसका मलाल नहीं है कि कुछ लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन इसी के साथ हमें देश के भीतर पेट्रोलियम उत्पादों की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करना भी जरूरी है. असाधारण समय में इस तरह के कुछ कदम उठाने पड़ते हैं.” भारत अपनी तेल जरूरत का 85 प्रतिशत आयात से ही पूरा करता है. पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर लगाए गए कर के संदर्भ में राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि नई दरें विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित इकाइयों पर भी लागू होंगी.

रुपये की स्थिति पर सतर्क एवं सजग निगाह: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश के आयात पर रुपये की गिरती कीमत के असर को लेकर सतर्क होने के साथ निगाह रखे हुए है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में पिछले कुछ महीनों में लगातार आई गिरावट के संदर्भ में सीतारमण ने कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये ने सापेक्षिक रूप से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है.

सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “रिजर्व बैंक रुपये की विनिमय दर पर बहुत करीबी निगाह रखे हुए है. हम इस दुनिया में अकेले नहीं हैं. हम एक खुली अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं. अगर अन्य मुद्राओं के समक्ष रुपये ने डॉलर के मुकाबले कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है.” हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि रुपये की कीमत गिरने से आयात पर तात्कालिक असर पड़ेगा और आयात अधिक महंगा हो जाएगा.

उन्होंने कहा, “इस बात को लेकर मैं काफी सतर्क एवं सजग हूं क्योंकि हमारे उद्योग का बड़ा हिस्सा उत्पादन के लिए कुछ जरूरी वस्तुओं के आयात पर निर्भर करता है.” अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 79 रुपये के नीचे उतर गया था जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आती रही है.
रिजर्व बैंक की बृहस्पतिवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में भी कहा गया था कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये ने डॉलर के मुकाबले में कहीं बेहतर प्रदर्शन दिखाया है. वैसे रुपये को समर्थन देने से विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले चार महीनों में 40.94 अरब डॉलर की कमी हो चुकी है.

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