यूक्रेन युद्ध में रूस की सबसे बड़ी जीत, मारियूपोल में आखिरी गढ़ भी ढहा, पूरा शहर अब पुतिन के कब्जे में

पोक्रोव्स्क (यूक्रेन). यूक्रेन में करीब तीन महीने की जंग में रूस ने सबसे बड़ी कामयाबी हासिल करने का दावा किया है. रूस का दावा है कि उसके सैनिकों ने यूक्रेन के मारियुपोल शहर पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है. यूक्रेन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. इस जंग में ये बंदरगाह शहर पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. चारों तरफ खंडहर बनी इमारतें और जली हुई गाड़ियां नजर आ रही हैं. यहां 20 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मारियुपोल में अजोवस्तल इस्पात संयंत्र और शहर को ‘‘पूरी तरह आजाद कराने’’ की जानकारी दी. यह स्टील प्लांट यूक्रेनी प्रतिरोध का प्रतीक बन गया था. इस प्लांट के अंदर यूक्रेन के सैकड़ों सैनिक और नागरिक हथियारों के साथ जमा थे और रूसी सैनिकों से मोर्चा ले रहे थे. यूक्रेन पर हमले के पहले ही दिन से रूस मारियूपोल पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा था. उसका लगभग पूरे मारियूपोल शहर पर कब्जा हो गया था, लेकिन इस स्टील प्लांट से उसे तगड़ी चुनौती मिल रही थी. इसी की बदौलत रूसी सैनिक यहां आगे नहीं बढ़ पा रहे थे.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि सोमवार से लेकर अब तक प्लांट में छिपे कुल 2,439 यूक्रेनी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इनमें से 500 से अधिक लड़ाकों ने शुक्रवार को सरेंडर किया. इन सैनिकों को रूस ने बंदी बना लिया है. इनमें से कुछ को दूरदराज की जगहों पर ले जाया गया है. रूसी अधिकारियों ने इस्पात संयंत्र में छिपे कुछ लड़ाकों को ‘‘नाजी’’ और अपराधी बताते हुए उन पर युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चलाने की धमकी दी है.

सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि मारियुपोल का रूस के कब्जे में आना इस जंग में सांकेतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. यूक्रेन के सबसे दक्षिण में स्थित मारियुपोल अजोव सागर से जुड़ा हुआ है. मारियुपोल पर रूस का कब्जा होने से उसे क्रीमिया से लेकर पूर्वी यूक्रेन यानी डोनबास तक के लिए जमीनी रास्ता मिल गया है. डोनबास से ही रूस ने सबसे पहले जंग शुरू की थी और इसे स्वतंत्र घोषित कर दिया था.

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