लिट्टे के संभावित हमले की खबर के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई जा रही : श्रीलंका

कोलंबो. श्रीलंका ने रविवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन ‘लिट्टे’ के हमला करने की योजना के बारे में मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर देश की सुरक्षा मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि लिबरेशन टाईगर्स आॅफ तमिल ईलम (लिट्टे) 18 मई को श्रीलंका पर हमला कर सकता है. गौरतलब है कि 18 मई 2009 को श्रीलंका में गृहयुद्ध समाप्त हुआ था और इस दिन मुल्लिवैकल दिवस मनाया जाता है.

आर्थिक संकट से देश को उबारने में असफल रहने के आरोपों का सामना कर रहे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को लिट्टे के साथ 30 साल तक चले गृहयुद्ध को समाप्त करने का श्रेय दिया जाता है. श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 13 मई को ‘द हिंदू’ अखबार में प्रकाशित खबर में भारतीय खुफिया एजेंसियों के हवाले से बताया गया कि लिट्टे श्रीलंका पर 18 मई को हमला कर सकता है.

बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय खुफिया एजेंसियों ने श्रीलंका को बताया कि यह सूचना एक सामान्य जानकारी के तौर पर दी गई है और इस संबंध में जांच की जाएगी तथा इस सिलसिले में की गई कार्रवाई से श्रीलंका को अवगत कराया जाएगा.’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में प्राप्त सभी सूचनाओं की जांच की जाएगी और सुरक्षा मजबूत करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.’’ ***

मुश्किल स्थिति से श्रीलंका को निकालने के लिए विधायिका के सभी सदस्य मिलकर काम करें : राजपक्षे

संकटग्रस्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने रविवार को विधायिका के सभी सदस्यों से अपील की कि वे एकजुट हों और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल काम करें, खासतौर पर तब जब आर्थिक संकट की वजह से देश अपने ‘‘सबसे खराब दौर से गुजर रहा है.’’ गोटाबाया राजपक्षे ने यह टिप्पणी ‘वेसाक पोया दिवस’ के मौके पर की. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमें मौजूदा स्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए और उन कार्यक्रम को लेकर एकजुट होना चाहिए जो सभी के संकल्पों पर खरा उतर सके.’’

उल्लेखनीय है कि वेसाक पोया दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और महापरिनिर्वाण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के जीवन की तीनों घटनाएं एक ही तारीख पर हुई थी. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘… मुश्किल समय में लचीलापन आवश्यक है. इस मौके पर जब देश सबसे खराब स्थिति में है, सभी जन प्रतिनिधियों को तुरंत सभी लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए. वास्तविक उद्देश्य मूल लक्ष्य से डिगे बिना इच्छित लक्ष्य तक पहुंचने का होना चाहिए.’’ नवनियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमंिसघे ने भी इस मौके पर जारी संदेश में लोगों की ंिजदगी को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध के समक्ष की गई प्रतिबद्धता है.

विक्रमंिसघे ने राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया

श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमंिसघे ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है. प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाने वाले ग्रामीण प्रदर्शनकारियों के हितों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है.

राष्ट्रपति पर देश को आर्थिक संकट से उबारने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है और प्रदर्शनकारी नौ अप्रैल से कोलंबो के ‘गाले फेस ग्रीन’ में डटे हुए हैं. विक्रमंिसघे ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे गांव के युवाओं की सुरक्षा की जाएगी और भविष्य में नीति निर्धारण के लिए उनके विचारों पर चर्चा की जायेगी. प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि देश की राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव के लिए ‘गोटा गो गामा’ आंदोलन को जारी रहना चाहिए और देश के युवाओं को जिम्मेदारी अपने हाथों में लेनी चाहिए.

गौरतलब है कि श्रीलंका में जारी जबरदस्त आर्थिंक संकट के बीच राजधानी कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी लगातार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सत्ता छोड़ने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए बैठे हैं जिन पर लिखा है ‘‘गोटा गो गामा’’ जिसका अर्थ है ‘‘ गोटा अपने गांव वापस जाओ’’.

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