राजद्रोह मामला : राणा दंपति की जमानत याचिका पर सुनवाई 29 अप्रैल को

मुंबई. निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा 29 अप्रैल को मुंबई की एक सत्र अदालत द्वारा उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई किए जाने तक जेल में रहेंगे. अदालत ने मंगलवार को मुंबई पुलिस से जेल में बंद दंपति की जमानत याचिका पर 29 अप्रैल को जवाब दाखिल करने को कहा.

राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था. इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह और समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. जमानत की मांग करते हुए दंपति ने सोमवार को अदालत का रुख किया था.

मंगलवार को जब यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए आया तो पुलिस ने कहा कि वह जमानत याचिका पर हलफनामे के साथ जवाब दाखिल करना चाहती है. अदालत ने इस मांग को स्वीकार कर लिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख मुकर्रर कर दी. राणा दंपति को मुंबई पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. नवनीत राणा को जहां मुंबई की भायखला महिला जेल भेजा दिया गया था, वहीं उनके पति रवि राणा को पड़ोसी नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है.

नवनीत और रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने सोमवार को कहा था कि दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका को वापस लेने का फैसला किया है, जिसने उन्हें रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. मर्चेंट ने कहा था कि उपनगरीय खार पुलिस ने शुरुआत में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत राणा दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया था. रिमांड के समय पुलिस ने मजिस्ट्रेट अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने पहली प्राथमिकी में दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह का आरोप जोड़ा है.

दंपति की जमानत याचिका में कहा गया है कि ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित कदम नहीं था, लिहाजा धारा 153 (ए) के तहत लगाए गए आरोप को बरकरार नहीं रखा जा सकता है.

पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और अमरावती के बडनेरा से उनके विधायक पति रवि राणा ने रविवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना रद्द कर दी थी.

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