फोर्ड इंडिया के साणंद संयंत्र का अधिग्रहण करेगी टाटा मोटर्स, किया त्रिपक्षीय करार

नयी दिल्ली. टाटा मोटर्स ने अमेरिका की वाहन कंपनी फोर्ड के गुजरात के साणंद संयंत्र के अधिग्रहण के लिए गुजरात सरकार और फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफआईपीएल) के साथ त्रिपक्षीय समझौता करने की सोमवार को घोषणा की. टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों को बताया कि उसकी अनुषंगी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (टीपीईएमएल) और फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफआईपीएल) ने गुजरात सरकार के साथ आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जो एफआईपीएल की साणंद वाहन विनिर्माण इकाई के संभावित अधिग्रहण से संबंधित है. इसमें भूमि, इमारतों, वाहन विनिर्माण इकाई, मशीनरी और उपकरणों का अधिग्रहण शामिल है.

समझौते के तहत एफआईपीएल साणंद के वाहन विनिर्माण परिचालन से जुड़े सभी पात्र कर्मचारियों का स्थानांतरण भी शामिल है. हालांकि, यह करार और संबंधित मंजूरियों पर निर्भर करेगा. फोर्ड इंडिया ने साणंद स्थित संयंत्र 2011 में गुजरात सरकार के साथ राज्य सर्मिथत समझौते (एसएसए) के बाद शुरू किया था.

टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स लिमिटेड और टीपीईएमएल के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘एक दशक से भी अधिक समय से टाटा मोटर्स की गुजरात में मजबूत उपस्थिति है, साणंद में उसकी अपनी विनिर्माण इकाई है. इस समझौते से और रोजगार तथा कारोबारी अवसरों का सृजन होगा जो राज्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा.’’ कंपनी ने कहा कि इस समझौते के बाद अब टीपीईएमएल और एफआईपीएल के बीच अगले कुछ हफ्तों में निश्चित लेनदेन समझौते होंगे.

प्रस्तावित निवेश के साथ टीपीईएमएल की क्षमता तीन लाख इकाई प्रतिवर्ष हो जाएगी जिसे बढ़ाकर चार लाख इकाई से अधिक किया जा सकेगा. गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि यह समझौता सभी हितधारकों के लिए लाभदायक है. इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा जमेगा और देश में शीर्ष निवेश स्थल के रूप में गुजरात की स्थिति मजबूत होगी.

पिछले वर्ष सितंबर में फोर्ड मोटर कंपनी ने घोषणा की थी कि वह साणंद और चेन्नई में स्थित अपने संयंत्रों में वाहन विनिर्माण बंद करेगी और स्थानीय स्तर पर विनिर्मित सभी वाहनों की बिक्री रोकेगी. उसने सिर्फ आयातीत वाहनों को बेचने का फैसला किया था जिससे करीब चार हजार कर्मचारी प्रभावित होते. राज्य सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि टीपीईएमएल द्वारा साणंद संयंत्र के प्रस्तावित अधिग्रहण से लोगों के रोजगार गंवाने का खतरा दूर हो गया है.

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