राजस्थान के मंत्री को हटाने की मांग को लेकर सरपंचों का जयपुर में महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी

जयपुर: राजस्थान के पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा को हटाने की मांग को लेकर सरपंच संघ के बैनर तले राजस्थान के विभिन्न हिस्सों के सरपंचों और उप सरपंचों का शनिवार को जयपुर में महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी रहा। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोंिवद ंिसह डोटासरा ने शनिवार को ‘भाषा’ को बताया कि शुक्रवार को संघ के पदाधिकारियों के साथ उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक वार्ता हुई थी और वे चर्चा से संतुष्ट थे। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार को उनकी वार्ता होगी।’’ उन्होंने सरपंचों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है और उनकी हर मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार की वार्ता के बाद सरपंच और उपसरपंच संघ के पदाधिकारी संतुष्ट हो गये थे।

उन्होंने विश्वास जताया कि अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद सरपंच और उपसरपंच शनिवार को अपना आंदोलन संभवत: खत्म कर देंगे। मीणा की ओर से नागौर और बाड़मेर जिलों के सरपंचों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने से सरपंच नाराजÞ हैं।

मीणा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उन्होंने बाड़मेर, नागौर और भीलवाड़ा में अनियमितताओं में कुछ अधिकारियों के शामिल पाये जाने पर उनके खिलाफ जांच और कार्रवाई में मिली कमियों को उजागर किया, लेकिन सरपंचों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

नागौर जिले के सरपंच संघ के राज्य सचिव हनुमान चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि मंत्री ने कुछ समय पहले नागौर में एक कार्यक्रम के दौरान यह आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ‘‘सरपंचों के खिलाफ आरोप निराधार हैं। हम मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हैं। हम आरोपों से आहत है।’’

जयपुर के मानसरोवर इलाके में सरपंच और उपसरपंच महापड़ाव के दौरान एकत्रित हुए। उन्होंने मीणा के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की। इस बीच, मंत्री मीणा ने संवाददाताओं से कहा था कि पंचायतों में किए गए कार्यों की गुणवत्ता की जब जांच और समीक्षा की जाती है तो अनियमितताएं पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।

उन्होंने कहा,‘‘मैंने अभी काम में कमियों को उजागर किया है। जहां गड़बड़ी पाई गईं, वहां अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अभी तक किसी सरपंच के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि हम सुधार चाहते है। कुछ सरपंच जांच से डरते हैं, इसलिये इस तरह का विरोध किया जा रहा है।’’ उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि सरकार के साथ है और आंदोलन एक धड़े द्वारा किया जा रहा है।

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