पाक में विपक्ष सत्ता राष्ट्रपति को हटाने व नवाज शरीफ की वापसी के एजेंडा पर कर रहा काम

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में विपक्ष ने शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान के जरिये प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिये जाने की स्थिति में एक नयी सरकार के गठन के लिए अपनी शुरूआती बातचीत पूरी कर ली है. साथ ही, वह (विपक्ष) राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पद से हटाने और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ब्रिटेन से वापसी की योजनाओं पर जोरशोर से काम कर रहा है. मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह बताया गया है.

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता एवं नये प्रधानमंत्री के तौर पर विपक्ष के उम्मीदवार शहबाज शरीफ (70) शपथ ग्रहण के बाद अपनी संभावित सरकार की प्राथमिकताओं का ऐलान करेंगे. वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख भी हैं.

उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार को प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने संबंधी नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का फैसला ‘‘संविधान और कानून के खिलाफ था तथा उसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं है.’’ न्यायालय ने नेशनल असेंबली भंग करने के लिए राष्ट्रपति अल्वी को दी गई प्रधानमंत्री खान की सलाह को भी ‘असंवैधानिक’ करार दिया था.

न्यायालय ने आदेश दिया कि निचले सदन के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए नौ अप्रैल को पूर्वाह्नन 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) सदन का सत्र बुलाएं. नेशनल असेंबली सचिवालय द्वारा शुक्रवार को जारी ‘दिन के कामकाज के कार्यक्रम’ के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार पर प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए नेशनल असेंबली का सत्र पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) होगा.

नेशनल असेंबली के एजेंडा में, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान छह सूत्री एजेंडा में चौथे स्थान पर है. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने सूत्रों के हवाले से अपनी खबर में कहा है कि सभी विपक्षी दलों को नयी संभावित संघीय सरकार में समानुपातिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नयी सरकार का कार्यकाल कम से कम छह महीने या एक साल का होना चाहिये, क्योंकि निर्वाचक मंडल में सुधार और जवाबदेही कानूनों से जुड़े विधेयकों को पारित किया जा सके.

खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति अल्वी और चार प्रांतों के गवर्नर को पद से हटाने के लिए संवैधानिक तरीका अपनाया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री खान नीत सरकार के सभी फैसले की समीक्षा की जा सकती है और उनमें बदलाव किया जा सकता है.
खबर में कहा गया है कि विचार-विमर्श करने एवं राजनीतिक स्थिति की समीक्षा करने के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व वित्त मंत्री इश्हाक डार की वापसी के लिए एक तत्काल कार्य योजना पर काम किया जाएगा.

नवाज (72) पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता हैं. वह इलाज के लिए जमानत पर लंदन गये थे. हालांकि, उनकी जमानत की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है. पनामा पेपर मामले में हुए खुलासे के बाद पाकिस्तानी उच्चतम न्यायालय ने 2017 में शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. शहबाज, उनके (नवाज के) छोटे भाई हैं. शहबाज ने कहा है कि विपक्ष सत्तारूढ़ दल के सभी असंवैधानिक कार्यों को सभी मंचों पर चुनौती देगा.

खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान निर्वाचन आयोग को आम चुनाव कराने से पहले निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन पूरा करने के लिए जरूरी समय दिया जाएगा. इसमें कहा गया है कि नयी सरकार विदेश नीति की भी समीक्षा करेगी.

पाक ने इमरान खान सरकार गिराने की विदेशी साजिश की जांच के लिए आयोग गठित किया
पाकिस्तान सरकार ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे मौजूद कथित ‘‘विदेशी साजिश’’ की जांच के लिए सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के नेतृत्व में जांच आयोग गठित किया है. एक वरिष्ठ मंत्री ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग गठित करने का फैसला लिया गया.

उन्होंने बताया कि धमकी भरे पत्र से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए आयोग का गठन किया गया है और इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक खान करेंगे. उन्होंने बताया, ‘‘आयोग यह जांच करेगा कि साजिश कहां रची गई थी और सरकार गिराने को लेकर किन स्थानीय आकाओं की संलिप्तता थी. ’’ उन्होंने बताया, ‘‘हमारे पास इस बारे में सबूत हैं कि विदेशियों के संपर्क में आठ असंतुष्ट प्रांतीय सांसद थे. आयोग स्थानीय आकाओं और सत्ता परिवर्तन के बीच संबंध का पता लगाएगा.’’

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