ग्रामीण घरों को नल का कनेक्शन देने का कार्य 2024 तक पूरा होने की दिशा में बढ़ रहा

नयी दिल्ली. जल जीवन मिशन के तहत देश के ग्रामीण घरों को नल के पानी का कनेक्शन देने के लिए जमीनी स्तर पर जोरशोर से काम चल रहा है और कोविड-19 महामारी के बावजूद यह 2024 की समय सीमा को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने कहा कि कुछ राज्यों में नल के पानी के कनेक्शन का कवरेज कम होना ंिचता का विषय है और केंद्र किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के लिए उनके साथ काम कर रहा है. सरकार के इस अहम मिशन के तहत देश के सभी ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं. इस योजना का उद्देश्य 2024 तक घरों में नल के जरिये सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है.

महाजन ने कहा कि अलग-अलग राज्य अलग-अलग गति से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन सभी ने केंद्र से कहा है कि वे समय सीमा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. महाजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सभी राज्य 2024 तक मिशन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अलग-अलग राज्यों ने अलग-अलग स्तरों पर शुरुआत की है. हालांकि, कुछ इस मामले में पीछे थे और यह उनके मौजूदा प्रदर्शन को प्रभावित कर रहा है लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जो अब तक इस सिलसिले में राष्ट्रीय औसत तक नहीं पहुंचे हैं, जो ंिचता का विषय है.’’ उत्तर प्रदेश में देश में सबसे कम 13.46 प्रतिशत ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज है.

उन्होंने कहा की राज्य की नयी सरकार ने केंद्र को आश्वासन दिया है कि वह इस दिशा में तेजÞी से काम करेगी. महाजन ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में चालू हालत में घरेलू नल कनेक्शन की सबसे ज्यादा जरूरत है. कोविड के दो साल समस्याग्रस्त रहे हैं, सभी राज्यों को लॉकडाउन और मूल्य वृद्धि का सामना करना पड़ा है. हमसे उत्तर प्रदेश की नई सरकार ने स्पष्ट वादा किया है वे इसकेलिए पूरी तरह से तैयार हैं.’’ सचिव ने कहा कि हर ग्रामीण घर को पीने का पानी उपलब्ध कराने की तैयारी का काम बहुत ही जोरशोर से चल रहा है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ देश में इसके लिए धन और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है और इस पर (जल शक्ति मिशन पर) काफी ध्यान केंद्रित किया गया है. इसलिए हम बहुत आशान्वित हैं कि अगले दो-ढाई वर्षों में घरेलू नल कनेक्शनों की संख्या तेजÞी से बढ़ती हुई नजर आएंगी.’’ मिशन पर कोविड ?? -19 के प्रभाव के बारे में महाजन ने कहा कि लॉकडाउन में लगभग सभी निर्माण कार्य ठप हो गए थे.

उन्होंने कहा कि एक समय था जब मजदूर निर्माण स्थलों को छोड़कर चले गए थे और वापस नहीं आए. हालांकि परियोजनाएं का वास्तविक प्रदर्शन बहुत कम और सीमित था. फिर वैश्विक स्तर पर लोहे और स्टील तथा पेट्रोलियम की कीमतें बढ़ने लगीं.
मिशन की मौजूदा स्थिति पर, महाजन ने कहा कि श्रम उपलब्धता और स्थलों पर काम के मामले में, चीजें महामारी के पहले वाले स्तर पर वापस आ गई हैं लेकिन मूल्य वृद्धि अभी भी एक मुद्दा है.

यह पूछे जाने पर कि क्या 2024 की समय सीमा को पूरा करना संभव होगा, उन्होंने कहा कि भले ही अलग-अलग राज्य अलग-अलग गति से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उन सभी ने केंद्र से कहा है कि वे समय सीमा पूरी करने के लिए दृढ़ हैं. भारत के 48.53 फीसदी ग्रामीण घरों में नल के कनेक्शन हैं.

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